)(अंधी बुजुर्ग गरीब लावारिस मडी सरकारी सहायता से कोसों दूरराजस्थान के बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ उप खंड क्षेत्र के खेड़ा धरती घाटा क्षेत्र की ग्राम पंचायत बावलियापाडा के गांव टोडी में एक ८० साल की बुडी आंखों से अंधी बिन बाल बच्चों वाली गरीब आदिवासी महिला सरकारी सहायता से कोसो दूर क्यो है एक और केन्द्र सरकार या राजस्थान सरकार ऐसे पात्र लोगों को चिन्हित कर पेंशन योजना से लाभान्वित करने का ढिंढोरा पीटती है, लेकिन जमिनी हकीकत यंहा कुछ और ही बयां करती नज़र आ रही है, ८०साल की आदिवासी महिला का नाम मडी पत्नी मडिया के जिवन में कभी सुखी जीवन व्यतीत करती थी लेकिन दुर्भाग्य की बात है की इस महिला के तीन पुत्र हुए पर तीनों बचपन में ही पिता के मरने के बाद तीनों पुत्रों ने बचपन में ही दम तोड दिया ओर मडी आंखों से अंधी हो गई निकट छोटी सरवा गांव में वर्षों से अपना जीवन यापन करने के लिए घरो से मांग कर गुजारा करने को विवश हैं मडी को पुर्व में पेंशन योजना का लाभ मिलता था लेकिन दुर्भाग्य की बात है की आन लाईन होने व आधार कार्ड भामाशाह कार्ड वोटर आईडी वह अन्य दस्तावेज नहीं होने से यह गरीब महिला सरकारी सहायता से महरूम हैं! छोटी सरवा गांव के व्यापारी समाज सेवी देवेन्द्र जोशी ने बताया की वर्षों से महिला लावारिस विधवा व दोनों आंखों से अंधी हो अपना बचा कुचा जिवन जिने को मजबुर है, जोशी ने बै सहारा को सहायता दिलाने की बात कही है jantantra ki awaz: https://youtu.be/T6PJxMito_4
देखिए अंधी गरीब विधवा को नहीं मिल रही है सरकारी सहायता