खादी अगर मेहरबान तो ,क्यो ना हो रशद विभाग पहलवान, अंगद की तरह पैर जमाएं बैठे अधिकारी तो कोन सुनें गरीबों की

कुशलगढ़-- किसी ने सच कहा है की ‌गरीब की जोरु सबकी भाभी  केन्द्र सरकार हो या फिर राजस्थान सरकार गरीबों के लिए हर माह अनाज में गैहु शक्कर केरोसिन उपलब्ध कराने की हर दम कोशिश करती है की हर माह गरीब को स्सते दामों पर राशन डीलरो के माध्यम से राशन मिलें सरकार ने उप भोक्ता सप्ताह भी लागु किया वहीं  फर्जी वाडा ना हो इसलिए पौस मशीनें भी दी लेकिन दुर्भाग्य की बात है की जिला रशद विभाग के अधिकारियों की अन देखी कहें या फिर मिली भगत के चलते या खादी के सिर मोहो के चलते आज़ गरिबों के राशन पर डिलर बै खौफ हो कर डाका डाल कर अपनी तिजोरियां भरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं!, जबकी रशद विभाग का काम है की वो पूरी इमानदारी से गरीबों को हर माह राशन दिलाएं सरकार का काम है की वो गरीब के वोटों से जीत कर अपना फ़र्ज़ अदा करें ताकी गरीब को पुरा अनाज मिल सके लेकिन दुर्भाग्य की बात है की बांसवाड़ा जिले में वर्षों से अंगद के पैर जमाकर बैठे अधिकारी जो खादी के आगे नतमस्तक है?वो ‌गरीबो की क्यो नही सुनते! आऐ दिन आम गरीब उपभोक्ता परेशान हो कर जिला प्रशासन से शिकायत करता है वह मिडिया में रशद विभाग की कुत्ता भजीती भी होती है!, पर जिला रशद विभाग व‌ सरकार के नुमाइंदे ऐंसे भष्ट डिलरो पर कार्रवाई क्यों नहीं करते! कहीं मिली भगत का खेल तो नहीं!,  कुछ दिनों पहले भंवरदा में वह बड़ी सरवा में गैहु के घोटाले हुए पर आज़ तक खादी के आगे नतमस्तक हो कर रशद विभाग ने कार्रवाई नहीं की! जबकी उपभोक्ता सप्ताह एक तारीख से पंद्रह तारिख तक होता है वही राशन डिलर को हर माह दुकान खोलने के आदेश है पर राशन डिलर पुरे माह दुकान नहीं खोलते ऐ जब शिकायत दर्ज कराई जाती है तो रशद विभाग तीन माह के लिए डिलर को निलंबित कर दें अपनी इतिश्री कर देता है! हम आपको बता दें की राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में अंगद की तरह पैर जमाएं बैठे अधिकारी ‌खादी के आगे नतमस्तक हो कर गरीबों के अनाज पर डाका डालने वाले राशन डीलरो पर क्यो मेहरबान हो कर कार्रवाई नहीं करते ? बांसवाड़ा: जिले में कुछ राशन डिलर राजनीति में रसुक हे कुछ ग़रीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले बिपीएल है तों कुछ अपने रिश्तेदारों के नाम पर डिलर बन कर अपनी तिजोरियां भरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं और रशद विभाग क्यो कार्रवाई नहीं करता!


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