जोधपुर जिले के बम्बोर गांव में भी वन्यजीव सुरक्षित नहीं है। पुरखपुरा गांव- के लोग आए दिन हिरणों की लाशें देखते हैं। लेकिन सरकारी तंत्र मानों आंख मूंदे बैठा है, आखिर क्यों हिरणों का शिकार हो रहा है और वे कब तक बेमौत मरेंगे.. वन्यजीव प्रेमी अनोप भाम्बु ने बताया कि क्षेत्र में १०-१२ आवारा श्वानों का झुंड घूमता रहता है। खेतो में मेड़बंदी चार दिवारी ( तारबंदी ) होने से हिरण दौड़ नहीं पाते। ऐसे में श्वान आसानी से उन पर हमला कर देते हैं। इससे पहले शुक्रवार को भी श्वानों ने एक हिरण पर हमला कर मौत की नींद सुला दिया था। क्षेत्र में आए दिन हिरणों की मौत हो रही है, लेकिन वन विभाग का इस ओर ध्यान नहीं है। ग्रामीणों ने प्रशासन से आवारा श्वानों को पकड़वाने की मांग की है।
आवारा श्वानों का झुंड खेतो में घूमता रहता है आये दिन हो रहा है हिरणो का शिकार ।