*विप्रकुलप्रकाश: श्री परशुरामो विजयतेतराम्।*
आप सभी को भगवान परशुराम जयंती (14 मई 2021 शुक्रवार ) की मंगलमयी शुभकामनाएं।
*बैशाखशुक्ल त्रेतायुगादितिथौ अक्षयतृतीयायां प्रदोषे (इयं रात्रिप्रथमयामव्यापिनी ग्राह्या ) श्रीपरशुरामोद्भव;।*
अत्र प्रदोषे श्रीपरशुरामं सम्पूज्य एकस्मिन् शरावे अर्घ सम्भारान् गृहित्वा अर्घ्यं दद्यात्।
तत्र मन्त्र:-
*जमदग्निसुतो वीर*
*क्षत्रियांतकर प्रभो!*
*गृहाणार्घ्यं मया दत्तं*
*कृपया परमेश्वर!!*
तत: *जामदग्नाय...* इत्यृचं शतवारं जपेत्...
*ॐ जामदग्न्याय विद्महे महावीराय धीमहि तन्नो विप्र: प्रचोदयात्*
( तन्न: परशुराम: वा )
तथा च...
*य: करोति तृतीयायां*
*कृष्णं चन्दनभूषितम्।*
*वैशाखस्य सिते पक्षे*
*स यात्यच्युतमन्दिरम्।।*
अक्षय्यतृतीया को चन्दनादि से भगवान श्री कृष्णचन्द्र को जो चर्चित करता है वह बैकुंठ में जाता है।
रोहिणी नक्षत्र का योग हो तो कहना ही क्या।
*अस्यां यत्किंचिज्जपहोमपितृतर्पणदानादि क्रियते तत्सर्वमक्षयम्।*
इस दिन जो भी करें वह सब अक्षय्य होता है वो चाहे पाप हो या पुण्य। अतः कम से कम अक्षयतृतीया को तो पापाचार से बचें। अर्थात् त्रिविध पाप-ताप से बचना चाहिए।
*भूतानां प्राणिन: श्रेष्ठा:*
*प्राणिनां बुद्धिजीविन:।*
*बुद्धिमत्सु नरा: श्रेष्ठा:*
*नरेषु ब्राह्मणा: स्मृता:।।*
*अग्रत: चतुरो वेदा:*
*पृष्ठत: सशरं धनु:।*
*इदं ब्राह्मं इदं क्षात्रं*
*शास्त्रादपि शरादपि।*
विनम्र अनुरोध इस बार भगवान परशुराम जयंती घर में ही मनावें।
पं. कौशल दत्त शर्मा
व्याख्याता ज्योतिष शास्त्र
नीम का थाना राजस्थान