दिव्यांग बालक बालिकाओं के भवन निर्माण के लिए मेरी अलख अपील ंसीमा


सेवा में,

 माननीय मुख्यमंत्री महोदय जयपुर राजस्थान सरकार।


*विषय:* Document from Seema मुख्य मंत्री सहायता कोष से आर्थिक सहायता राशि एक करोड़ की सहायता दिव्यांग बालक बालिकाओं के भवन निर्माण के लिए मेरी अलख अपील


आप ही आकर मेरी कविता के माधयम से हाथ पानी लेकर शपथ लेवें, माननीय से प्रार्थनाओं में विकास बाबत।।


         माननीय, 

   मै योगिनी दिव्यांग महिला सीमा त्यागी/ मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी जैसी भयानक बीमारी से पीड़ित हूं/ को IIT में वर्तमान निजात पाने के मेरे देश भर में अनेक N.G.O. की वालेंटियर हूं  और आपके गुरुजी सूरजमल जी परिहार साहब का भी सम्मान चक्षु में मेरे पति मधेंद्र त्यागी C.A. लेकिन संस्कारों के सिद्धांत मनुष्यता विरोधी होने से में आत्मनिर्भर को घर से घर किया बार बार किया नियति ने मेरा साथ दिया मेरे माता पिता से बिछुड़ी, गुरु सानिध्य सदैव गुणों अवगुणों को संकटों से ईमानदार सरकार से परिचय व रक्षा करते यहां तक लाए है cm सतर्कता से उन्हें बुलवाया जाए श्री हुकम सिंह जी संपर्क नंबर 9414066900 निवास स्थान, ए_11नाथ विला आनन्दपुरी आदेश नगर मोती डूंगरी रोड जयपुर (राज)

 मेरे अपनी माली हालत नाजुक है पत्र ही पीले चावल समझे अति दुर्लभ पलों के साथ आर्थिक सहायता सुलभ कराएं /   सीमा

SB Account 65167690499

(51205) Jodhpur  prefix 3191700006 IFSCODE SB IN 0051205 SWIFT

  (50 लाख की सहायता से शुभारम्भ कराएं और देखिए दिव्यांग जन के लिए में आपकी सरकार के कार्यों की रीढ़ हूं मुझ से बड़ा निस्वार्थी विकास कार्यों में नहीं मिलेगा मै एकल महिला हूं अपनी निज सम्पत्ति भी इसमें प्राप्त हो लगा पाऊंगी आप मुझे एक अवसर मेरे बायोडेटा से समाज कल्याण रजिस्ट्रशन v आस्था कार्ड से ज्ञात करें )   

"हौसलों के आगे कोई पर्दा नहीं होता, कड़े परिश्रम का कोई विकल्प नहीं होता,दिल में हो जज्बा कुछ कर दिखाने का, तो जलते दिये को भी आँधियों का डर नहीं होता.

हसरतें कुछ और हैं,वक्त की इल्तजा कुछ और है,कौन जी सका है..जिन्दगी अपने मुताबिक दिल चाहता कुछ और है,होता कुछ और है...!!"

  उपरोक्त विषय आपके संपूर्ण जीवन काल में एक उच्च शिक्षित अनेक बेटियां के भविष्य संवारती हुई आप और मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष परम महामानव जज साहब के करकमलों से यह आपकी गरिमा और आपके उम्र के पलों को हृदय में स्थान बनाकर आपको यह मेरा संवाद हेतु विचार मेरी प्रिय कविता के माधयम से अपने शुभ कर्मो में इसी जन्म में नेक नियति से बेटी बचाओ बेटी पधाओ परिवार ही नहीं राजस्थान सरकार जादूगर के के कमलों से प्रथम बोध फिर मर्यादा पूर्ण मेरी यह रचना कविता में मेरा ज्जबा आपका ज़मीर गद गद्द परवाह के लिए अपने जोधपुर में 9 थानों में गेस्ट रूम बनवाए उनकी हालत और मेरा स्वरोजगार प्रशिक्षण आपके सपरिवार को समर्पित सच से कठोर हूं माफ करना  घणी घणी खम्मा अरोगो सा🙏


"सालिगराम" उपहार हुं मैं, आपका स्वागत करो मेरे संकल्पों का  ध्याऊ गुरु गोरख नाथ मछंदर रा चेला,म्हारे लेवो सुध भक्तां री जी.. मै थाने सिमरूं बार बार वंदना"!!

चुप हूं, पर बेवकूफ नहीं,!!

थोड़ी सी बेचैन हूं अभी, !!

पर अंधी नहीं,देख सकती हूं कौन क्या है,!!

समझ सकती हूं कौन कैसा है,!!

नारी हूं, पर बेचारी नहीं,!!

दिव्यांग हूँ  लेकिन विलक्षणा और स्वाभिमानी हूँ!!

अनुबन्ध वृद्ध आश्रम की संचालिका मुझे अपाहिज और विकलांग, मानसिक विशिप्ट लिखा कर IPS को सुतिया बना सकती हैं यहां सुवर अर्धनगीनी योग्य रहीं हो" 

"सरलार्थ कि माफ़ी प्रेम की अर्धांगिनी है

इसके बिना प्रेम 

कभी प्रेम नहीं रहा

तुम जब प्रेम करना सीखते हो

तो माफ़ करना भी सीखते हो। ❤"!!


," वो पुलिस जांच करता सूअर गंडकड़े चमार बेलाम घोड़ियां ने दिखाया असली रुतबा जो पुलिस स्टेशनों में होता मौलिक अधिकार हनन!!

बुरा नहीं चाहती किसी का,!!

पर कोई मुझे चोट पहुंचाए,...!!

और मैं चोट खाती ही जाऊं, इतनी महान नहीं,!!

क्यूंकि जनाब मैं इंसान हूं,हाँ ,नहीं हूं भगवान कोई।

  एक विचार कुंठित मानसिकता से हट कर...!!

   

"*जैसे नीम मे भी मिठास तत्व होते है, उनमे से केवल मधु रस बनाने की औषधी तैयार होती है, ऐसे ही औषधीय रिश्तो को विपरीत परिस्थितियों से फलीभूत  करने के लिए कुछ कर्मयोग केवल पति पत्नि की एसी परिस्थित बन जाती है,तब वो वक़्त समाज मे सर्व कल्याणी परमार्थ करने के लिए भेजा जाता है आज वहां नर नारी का भेद मिटा कर साथ रह कर  विचार परस्पर संवादों सैद्धांतिक दायरे से जो एकल, एकाकी व संयुक्त परिवार को ही निर्वाह करते है, वहाँ उनके माँ पिता के गुण और और अवगुणो का अंजाम ईश्वर करते है,!!

     *"सर्वांग मे जीवनदान करने के लिए ही तलाक डिवोर्स अलगाव होते है, एसा मुझसे स्वयं विधाता ने मुझसे लिखवाया, !!!

"जो तत्वहीन है भटकते है दोनो एक दूसरे को गर 🤏❤️ से 😊पहचान ले तो पुलिस, वकील, जज इनका भरण पोषण कैसे होटा है वो, इसलिए यह कोई  कोई ही समझ पाता है,फिलहाल इतना इशारा ही, माफ करना अच्छा न लगे तो जरूर तारीफ करना लिखना मुझ योगिनी एकल दिव्यांग महिला को!! जयसियाराम 👏🏻,,,   

""साँसों का शौक बहुत है मुझे भी,

पर हवा में बेवफाई का ज़हर बहुत है।। 

मन मे परिंदे बेइंतहा है मेरे, पर संसार में अचूक बहेलिये बहुत है।। 

"बहना चाहती हूँ बेपनाह मैं,पर समाज में थोथे बांध बहुत है"।। "गुलाब बन खिलना और महकना चाहती हूँ मैं,

पर लोगो को तोड़ना पसंद बहुत है।। 

दिलो में धड़कने की अभिलाषा

है मेरी,पर लोगो को पत्थर दिल बनना पसंद बहुत है"!!

"जीने की निर्बाध कामना है मेरी, पर लोगो को दफनाने का शौक बहुत है"!!

"जीने की अनंत चाहा है मेरी, पर लोगो के हाथ मे खंजर और आह बहुत है"!!


हाल निवास अनुबंध वृद्ध आश्रम मंडोर जोधपुर    

  सीमात्यागी दिव्यांग योगिनी सम्पर्क 9352203083

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