उत्तर प्रदेश की आशा कर्मचारी लखनऊ में धरने पर

 ब्रेकिंग न्यूज लखनऊ

सुभाष तिवारी लखनऊ

आज उत्तर प्रदेश की आशा कर्मचारी लखनऊ में धरने पर


है वजह है सरकार का झूठ बोलना धोखा देना। प्रकरण ये है की कोविड वैक्सिनेशन के दौरान हर वैसिनेशन केंद्र पर एक वैक्सिनेशन टीम का गठन किया गया जनवरी में। जिसमे 5 लोग शामिल थे। और प्रत्येक कर्मचारी को 300 रुपए प्रतिदिन सरकार द्वारा देने का वायदा किया गया। लेकिन जनवरी से लेकर आज तक एक रूपया भी किसी आशा कर्मी को नही दिया गया। आज मोदी जी और उत्तर प्रदेश सरकार पूरे भारत में  वैक्सिनेशन सफल होने पर #ThankYouModiJi  के पोस्टर लगवा रहे है चौराहे चौराहे पर, जिस सफलता और मेहनत का श्रेय देश के स्वास्थकर्मियो को आशाओं को मिलना चाहिए उसका श्रेय हमारे मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री खुद ले रहे है। जबकि सच्चाई कुछ अलग है आज तक उन आशाओं को एक रुपए का भी भुगतान नही किया गया।कितने ही आशाओं का छोटे कर्मचारियों का घर निर्भर होता होगा इसी के भरोसे, लेकिन आज सरकार  को इन आशाओं का दर्द नही दिखता अपनी जान जोखिम में डालकर वैक्सिनेशन केंद्रों पर ड्यूटी करने वाली आशाओं को एक रुपए का भी भुगतान नही किया गया है और ना ही भाजपा सरकार की कोई मंशा लगती है भुगतान की। आज भाजपा तमाम वादे करती है दावे करती है, लेकिन अगर धरातल पर देखे तो उनका एक भी वादा एक भी दावा सही साबित नही हो पाता है। आज उत्तर प्रदेश के तमाम जगहों पर खासकर लखनऊ इलाहाबाद में आशा कर्मी धरने पर है अपने भुगतान को लेकर उनके अंदर एक दर्द है एक पीड़ा है इस सरकार के सौतेले रवैए से। ये धरना उस सोई हुई सरकार को जगाने के लिए है जिसके झूठ और फरेब के वजह से आज ये आशा बहुएं तंग है।उन्हे उनके किए की मजदूरी ना देना इस सरकार के सबसे बड़ी विफलता का प्रमाण है। सबका साथ और सबका विकास वाली इस सरकार में कर्मचारी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे है।और हमारे बाबा जी अपने झूठे प्रचार में लगे है। कोविड के दौरान प्रधानमंत्री आवास से एक दिन भी बाहर ना निकलने वाले हमारे प्रधानमंत्री जी आज अस्पताल अस्पताल जाकर फोटो खिंचवा रहे है। खुद असुरक्षित रहकर दूसरो को वैक्सिनेशन के दौरान सुरक्षा देने वाली आशाओं के पैसों का( तनख्वाह का) भुगतान इनसे और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से नही हो पा रहा है, और रोज लाखो करोड़ो रूपया बर्बाद कर रहे है खुद के चुनावी प्रचार पर। लेकिन याद रखना मुख्यमंत्री जी कोई भी सत्ता हमेशा के लिए नही होती है। दूसरो को दर्द देने वाला खुद कभी सुखी नही रह पाता है। इसलिए मेरा आपसे अनुरोध है की आप उन आशा कर्मियों के दर्द तकलीफ को सुने और उनकी समस्या का निदान करे उन्हे उनके किए हुए मेहनत का भुगतान करे। नही तो आज आपको जिस मुख्यमंत्री की कुर्सी पर इतना अभिमान है। जिसपर बैठकर आप जनता के दर्द को सुनने के बजाए उन्हें और प्रताड़ित कर रहे है। वही लोग आने वाले समय में आपके लिए घातक सिद्ध हो सकते है। मुख्यमंत्री योगी जी आपकी जानकारी के लिए बता दू की इनमे बहुत सी आशाएं ऐसी भी है जिनका परिवार उन्ही के भरोसे है। उनके ही पैसों पर उनके बच्चो की शिक्षा, घर का खर्चा निर्भर है। अतः आपको अनुमान लगाना चाहिए की वो इस समय कितनी पीड़ा में है। आज एक सालो से कोरोना ने लोगो की आर्थिक स्थिति खराब कर रखी है। और उसके ऊपर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी और उनके भाजपा सरकार द्वारा इन कर्मचारियों और आशाओं के मेहनत की मजदूरी ना देना उनके ऊपर वज्रपात करने जैसा है।। उम्मीद है भाजपा के मंत्रियों विधायकों और खुद को भाजपा का सबसे बड़ा नुमाइंदा बताने वाले लोगो की आंख खोलेगी मेरी ये पोस्ट । और वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी से जो खुद को हिंदू ह्रदय सम्राट कहते है और हिंदुओ को ही तबाह करने पर तुले हुए हैं। उनके कानों तक इन आशाओं के दर्द और पीड़ाओं को पहुंचाएंगे जिससे हमारे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आशाओं के संदर्भ में जल्द से जल्द कुछ फैसले ले सके। और उनके किए मेहनत की मजदूरी का भुगतान कर सके।

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