धन्ना बाबा बगीची प्रांगण में विद्वत् सम्मान समारोह

 *विद्वत् सम्मान*_

       *कल्पतरु ज्योतिष शोध संस्थान नीमकाथाना के संस्थापक अध्यक्ष पं हनुमान प्रसाद जोशी की अध्यक्षता में आज श्री धन्ना बाबा बगीची प्रांगण में विद्वत् सम्मान समारोह


आयोजित किया गया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में ज्योतिर्विद पं. कौशल दत्त शर्मा के आचार्यत्व में 21 विद्वत् ब्राह्मणों द्वारा भगवान साम्बसदाशिव का शतरुद्री विधान से विशेष द्रव्यों से अभिषेक किया गया।*

      *सम्मान समारोह में ताल छापर राजस्थान के मूल निवासी, वर्तमान किशनगंज बिहार वास्तव्य तथा काशी जी में विशिष्ट अनुष्ठानों के प्रणेता रहे धर्माचार्य श्री कृष्णानंद जी उपाध्याय  "किशन महाराज" का विशेष सम्मान किया गया। श्री किशन महाराज को संस्थान की निर्णायक कार्यकारिणी द्वारा "कर्मकाण्ड कल्पतरु"  उपाधि प्रदान की गई। चूरू धर्म संघ विश्वविद्यालय के पुर्व स्नातक रहे हैं जो श्रद्धेय यति शिरोमणी श्रीमद्दण्डी स्वामी श्री शिवानन्द सरस्वती महाराज जी के परम कृपापात्र शिष्यों में अग्रगण्य रहे हैं। श्री उपाध्याय विभिन्न धर्माचार्यों शंकराचार्यों व वैष्णवाचार्यों द्वारा विविध विषयों पर शास्त्रीय पक्ष रखते हुए शास्त्रार्थ में सम्मानित होते रहे हैं। जगद्गुरु श्री श्रीजी महाराज निम्बार्काचार्य  द्वारा भी "निम्बार्क भूषण" पदवी से अलंकृत हो चुके हैं।* 

       समारोह वयोवृद्ध पंडित श्री *हनुमान प्रसाद जी जोशी* महाशय के सान्निध्य में सम्पन्न हुआ। कल्पतरु ज्योतिष शोध संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष व राजकीय संस्कृत महाविद्यालय नीमकाथाना के ज्योतिष विभागाध्यक्ष आचार्य श्री कौशल दत्त शर्मा ने स्वागत भाषण के साथ संस्थान का वार्षिक प्रतिवेदन भी प्रस्तुत किया।* 

       आयोजन में जयपुर सीकर चूरू एवं शेखावाटी क्षेत्र के वरिष्ठ आचार्यों व प्रबुद्ध नागरिकों की पावन उपस्थिति रही। पं. कृष्णानंद उपाध्याय को श्रीफल अंगवस्त्र व वांग्मय साहित्य के साथ *सारस्वत* सम्मान श्री जोशी के करकमलों से वैदिक रीत्या सोल्लास प्रदान किया। पंडित कृष्णानंद उपाध्याय ने इन समस्त उपलब्धियों का श्रेय *गुरू कृपा* का फल बताया।

मंच संचालन आचार्य श्री रमेश चन्द्र शर्मा ने किया। सम्मान समारोह  विद्वत सत्कार स्वागत अभिनन्दन व्याख्याता ज्योतिष शास्त्र श्री कौशल दत्त शर्मा  ने सम्पन्न किया। इस अवसर पर पं कृष्णानंद उपाध्याय ने शताब्दि पंचांग कार व शैखावाटी जयपुर के पांडित्य परमपरा का स्मरण किया तथा सुक्ष्म दृग्गणित आधारित

ज्योतिष व विविध विषयों में निष्णात आचार्य कौशलदत्त के *संवत्सर नाम*। निर्धारण *शास्त्रार्थ* 

*राक्षसनामाब्द*__ पर किये गये गहन शौध  अनुशीलन व  काशीविद्वत परिषद् सहित अनेक संगठनों को अपने मत को शास्त्र सम्मत ठहराने व उक्त विषय में  बड़ी विजयश्री समर्थन प्राप्त करने के गौरव का संस्मरण किया एतदर्थ सभा में आचार्य श्री कौशल दत्त जी महाशय की ज्योतिर्गणित प्रक्रिया को प्रकाश में लाते हुये उनके परिश्रम  की भुरि भूरि कृतज्ञता व साधुवाद ज्ञापन किया गया।

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