भर्ती परीक्षा पास करने के बाद भी एक हजार शिक्षकों को अब तक नियुक्ति नहीं

 भर्ती परीक्षा पास करने के बाद भी एक हजार शिक्षकों को अब तक नियुक्ति नहीं


सुभाष तिवारी लखनऊ

माध्यमिक शिक्षक संघ के संरक्षक डा. हरिप्रकाश यादव ने कहा कहा कि चयन बोर्ड की बेरुखी से चयनित शिक्षक विद्यालयों में नियुक्ति पाने के लिए भटक रहे हैैं। सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत है। पुरानी भर्ती के चयनितों को नियुक्ति देने के बाद नई नियुक्ति के लिए पहल की जाए



प्रयागराज । योग्यता के बल पर चयन बोर्ड की वर्ष 2016 की शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कर चयनित तो हो गए, लेकिन उसमें से करीब एक हजार शिक्षक अब तक नियुक्ति नहीं पा सके। चयन बोर्ड ने दो समायोजन सूची निकाली जरूर लेकिन नियुक्ति पाने में दुर्भाग्यशाली रहने वालों की संख्या ज्यादा रही। अब परेशान चयनितों के समर्थन में माध्यमिक शिक्षक संघ (एकजुट) ने आवाज उठाई है।


चयनित शिक्षक विद्यालयों में नियुक्ति पाने के लिए भटक एक बैठक में माध्यमिक शिक्षक संघ के संरक्षक डा. हरिप्रकाश यादव ने कहा कि चयन बोर्ड की बेरुखी से चयनित शिक्षक विद्यालयों में नियुक्ति पाने के लिए भटक रहे हैैं। इस स्थिति में सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत है। निर्देश दिया जाना चाहिए कि पुरानी भर्ती के चयनितों को नियुक्ति दिए जाने के बाद ही नई नियुक्ति के लिए पहल की जाए। चयनित अभ्यर्थी ममता मिश्रा को जालौन जिले में विद्यालय आवंटित किया गया, लेकिन उन्हें नियुक्ति नहीं मिल सकी है। इसी तरह कई और जिलों में चयनित शिक्षक अटके हुए हैैं। उन्होंने सवाल उठाया कि जब जिला विद्यालय निरीक्षक ने पद अधियाचित किया तो उस पर नियुक्ति क्यों नहीं दी जा रही? बैठक में शामिल प्रदेश उपाध्यक्ष उपेंद्र वर्मा ने मांग की कि नियुक्ति पाने से वंचित शिक्षकों को सरकार तत्काल कार्यभार ग्रहण कराए। पद खाली न होने का हवाला देने वाले जिला विद्यालय निरीक्षकों से चयन बोर्ड को उसका कारण भी पूछना चाहिए। सुरेश पासी, देवराज सिंह, मो. जावेद, शोभा मिश्रा, वंदना दीक्षित आदि की मौजूदगी में हुई बैठक में नियुक्ति न दिए जाने के मामले पर सवाल उठाए गए। कहा गया कि पद अधियाचित करने के बाद प्रबंधतंत्र पदोन्नति व स्थानांतरण से उसे भर लेता है और भर्ती परीक्षा से चयनित शिक्षक भटकते हैैं।: नियमानुसार आवंटित विद्यालय में रिक्त पद न होने पर जिला विद्यालय निरीक्षक को जिले के दूसरे विद्यालय में रिक्त पद की सूचना उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड को भेजनी चाहिए। जिले में पद न होने पर इस आशय का एफिडेविट देना चाहिए, ताकि चयनितों की दूसरा विद्यालय आवंटित किया जा सके।

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