छठे राज्य वित्त आयोग द्वारा जारी गाइडलाइन के आधार पर संस्थाए करें आय
में वृद्धि: प्रद्युम्न सिंह
भरतपुर, 07 दिसंबर। छठे राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष प्रद्युम्न सिंह ने
पंचायती राज के प्रमुखों से कहा कि पंचायती राज संस्थाओं की आय में
वृद्धि करने हेतु संसाधनों का पूरा उपयोग करें।
वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री सिंह मंगलवार को कलैक्ट्रेट सभागार में
आयोजित पंचायती राज विभाग के संभाग स्तरीय संवाद कार्यक्रम में उपस्थित
अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में जन
प्रतिनिधियों एवं पंचायती राज विभाग के अधिकारियों द्वारा दिए गए सुझावों
पर आयोग की बैठक में विचार-विमर्श कर राज्य सरकार को प्रस्ताव भिजवाए
जाएंगे। उन्होंने कहा कि वित्त आयोग की गाइडलाइन के आधार पर पंचायती राज
संस्थाओं के संचालन एवं आय वृद्धि करने के संबंध में प्रधानों एवं विकास
अधिकारियों को दिए गए दिशा-निर्देश की पालना सुनिश्चित की जावे।
बैठक में आयोग के सदस्य लक्ष्मण सिंह रावत ने कहा कि पंचायती राज
संस्थाओं को सुदृढ़ किए जाने के लिए पंचायती राज अधिनियम के नियम 67 से 73
की पालना कर शुल्क वसूली से संस्था की आय में बढ़ोतरी करें इसके लिए
उन्होंने सर्विस क्षेत्रों से समझाईश के आधार पर शुल्क वसूली कर आदत
डालने की बात कहीं जिससे विकास कार्य को बढ़ावा मिल सके। उन्होंने
संस्थानों के प्रभारियों से अपने निजी मितव्यता बरत कर बचत के माध्यम से
भी आय में वृद्धि करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि मितव्यता बरतने
वाले ग्राम पंचायतों को राज्य सरकार द्वारा दिए जाने वाली अनुदान राशि को
5 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्र्रतिशत कर दिया गया है।
आयोग के सदस्य डाॅ. अशोक लाहोटी ने कहा कि मूलभूत आवश्यकताओं पर फोकस कर
विकास कार्य कराए जाएं। उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं की बैठक
में वे नियम का निर्धारण कर पालना कराने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि
ग्राम पंचायत वाहन की व्यवस्था कर सूखा एवं गीला कचरा संग्रहण कर कचरे का
विक्रय कर इसके माध्यम से भी अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं। उन्होंने
कहा कि ग्राम पंचायत माॅडल ग्राम पंचायत के रूप में स्थापित करने हेतु
विकास कार्य कराए इसके लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में खेल स्टेडियम एवं
मेला मैदान विकसित कर उनके किराए से भी आय में वृद्धि कर सकते हैं।
उन्होंने संस्थाओं को फायर एनओसी जारी करने के पूर्व टैक्स वसूलने का
सुझाव दिया इसके अतिरिक्त प्लास्टिक मुक्त ग्राम पंचायत बनाने के लिए
अभियान चलाकर पाॅलिथीन थैली जब्त कर जुर्माना वसूल करके भी आय में वृद्धि
करें। उन्होंने कहा कि कार्यालय व्यय में मितव्यता कर बचत करें न कि
विकास कार्यों में मितव्यता कर गुणवत्ता में कमी लाए।
आयोग के सह सचिव राकेश गुप्ता ने समस्त प्रधानों एवं विकास अधिकारियों को
निर्देश दिए कि वे ग्राम पंचायत विकास कार्य योजना की प्रभावी
क्रियान्वयन कर विकास कार्य कराए।
बैठक में जिला कलक्टर धौलपुर राकेश जयसवाल ने वित्त आयोग की अनुदान राशि
का डबटेल करने की स्वीकृति, अन्टाइड फंड से जोड़ने, इन्फ्राएड की राशि 55
प्रतिशत बढ़ाकर 75 प्रतिशत किए जाने, 60 प्रतिशत की सीलिंग सीमा खत्म किए
जाने एवं कोविड़ सहायक एवं पंचायत सहायक के मानदेय राशि स्वीकृती दिये
जाने का सुझाव दिया।
जिला परिषद भरतपुर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुशील कुमार ने जिला
परिषद की परिसम्पत्तियों का किराया निर्धारण पीडब्ल्यूडी के आधार पर करने
की व्यवस्था के बजाए मार्केट के आधार पर किराये की व्यवस्था करने एवं
ग्रामीण क्षेत्रों के तालाबों एवं पोखरों को सिंघाडा एवं मछली पालन के
लिए किराये पर देकर निजी आय बढ़ाने का सुझाव दिया।
बैठक में अतिरिक्त संभागीय आयुक्त शौकत अली ने ग्रामीण क्षेत्र की
औद्योगिक इकाई द्वारा वाहनों की आवाजाही से छतिग्रस्त होने वाली सड़कों की
क्षतिपूर्ति के लिए ग्राम पंचायत को जीएसटी से अंशदान दिए जाने का सुझाव
दिया। विकास अधिकारी कुम्हेर अरविन्द चैधरी ने राजीव गांधी सेवा केंद्रों
पर कार्यरत चैकीदारों का मानदेय वित्त आयोग के अनुदान से दिए जाने की
व्यवस्था करने, नदबई के उप प्रधान ने प्रधानों के लिए अतिरिक्त वाहन
व्यवस्था एवं व्यय राशि बढ़ाई जाने के साथ ही प्रधान कोटा निर्धारित किए
जाने का सुझाव दिया।
विकास अधिकारी राजाखेड़ा राकेश सिंघल ने प्रधानमंत्री आवास योजना की
वरीयता सूची से वंचित लोगों को भी आवास सुविधा उपलब्ध कराने के लिए राज्य
वित्त आयोग के अनुदान में राशि उपलब्ध कराए जाने का सुझाव दिया।
कार्यक्रम में वित्त आयोग के सलाहकार शांति लाल जैन, एडीएम सिटी रघुनाथ
खटीक सहित संभाग के समस्त पंचायत समितियों के प्रधान, जिला परिषद के
मुख्य कार्यकारी अधिकारी, विकास अधिकारी एवं संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
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