कुशलगढ दायनी एकादशी गीता जयन्ती के* *अवसर पर विधा निकेतन संस्थान कुशलगढ में गीता पूजन महत्व* *एवं यग्य का आयोजन किया गया*

 *कुशलगढ दायनी एकादशी गीता जयन्ती के* *अवसर पर विधा निकेतन संस्थान कुशलगढ में गीता पूजन महत्व* *एवं यग्य का आयोजन किया गया*





*ललित गोलेछा ब्यूरो

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इस अवसर पर गीता की महिमा का महत्व बताया गया।भॆया बहिनो ने अष्टाध्यायी गीता श्लोक का सस्वर पाठ किया गया ।यग्य में आहुती दी गयी ।इस अवसर पर संस्था प्रधान द्वय कैलाश राव ,परेश बुनकर ने भेया बहिनो को सम्बोधित करते हुए कहा की आज ही के दिन कुरुक्षेत्र में भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। सफलता पाने का मुल मन्त्र हैं पुरी सामर्थ्य से प्रयास करना ।कर्म आधारित परिणाम प्राप्त होता है। इसलिए मनुष्य कर्म करे ,ईमानदारी ,शयम,त्याग, पूर्वक तो सफलता मिलती हैं दुनिया की सारी समस्या का हल गीता में है। इसमें 18 अध्याय 700 श्लोक हैं प्रत्येक अध्याय का अपना महत्व है। मानव जीवन का सार गीता में दिया है। यग्य द्वारा आने वाली परीक्षा में सफलता व विश्व कल्याण की भावना से आहुती दी गयी ।आरतीके बाद प्रसाद वितरण हुआ इस अवसर पर विधालय के समस्त आचार्य भैया बहिन अभिभावक उपस्थित थे।

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