चतुर्थश्रेणी दलित कर्मचारी को जातिसूचक गलियाँ देने और बल का प्रयोग करने पर ईसाई धर्मगुरु पीटर बलदेव की गिरफ़्तारी की रखी माँग।

 डायसीस ऑफ़ लखनऊ बिशप हाउस मुख्यालय के कर्मचारियों में आक्रोश की लहर तेज़। 



 चतुर्थश्रेणी दलित कर्मचारी को जातिसूचक गलियाँ देने और बल का प्रयोग करने पर ईसाई धर्मगुरु पीटर बलदेव की गिरफ़्तारी की रखी माँग। 


 कल भी करेंगे कार्य बहिष्कार। 

सुभाष तिवारी लखनऊ

प्रयागराज डायसीस ऑफ़ लखनऊ सीएनआई में पिछले कई सालों में दलितों के उत्पीड़न के कई मामले सामने आ चुके हैं । ऐसा ही एक वाक्या कल देखने को मिला जब धर्मगुरु बिशप पीटर बलदेव ने अपने ही एक दलित कर्मचारी को बल का प्रयोग करते हुए जातिसूचक गलियाँ देकर नौकरी से निकाल दिया । कल हुई इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना से डायसीस ऑफ़ लखनऊ मुख्यालय के कर्मचारियों में आक्रोश की लहर को बढ़ा दिया है । बिशप पीटर बलदेव की तानाशाही अब अपनी चरम सीमा पर पहुँच चुकी है । कर्मचारियों का आरोप है कि उनके साथ जनवरो के जैसा बर्ताव किया जा रहा है । बिशप पीटर बलदेव में अब शासन प्रशासन का भी कोई डर नहीं दिख रहा है । पूर्व में भी पीटर बलदेव पर आईपीसी की धारा 153 ए 147, 323,504,506 जैसी अन्य गम्भीर धाराओं में जिसमें धर्म परिवर्तन ,बलवा मार पीट, ज़मीनो पर क़ब्ज़ा और ज़मीन बेचने गम्भीर अपराधो में एफआईआर दर्ज की गयी थी पर पैसों और रसूख़ के दम पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी और मामला ठंडे बस्ते में चला गया  

कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार और प्रशासन से दलित कर्मचारी पर हुए इस हमले के मामले में ईसाई धर्मगुरु कहलाने वाले बिशप पीटर बलदेव की गिरफ़्तारी की माँग रखा है । दलितों और कर्मचारियों पर लगातार हो रहे अत्याचार के विरोध में कल भी भी डायसीस ऑफ़ लखनऊ के कर्मचारी कार्य बहिष्कार करेंगे ।

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