ग्राम बाल संरक्षण समिति के माध्यम से बाल अपराध पर लग सकता है अंकुश*

 *ग्राम बाल संरक्षण समिति के माध्यम से बाल अपराध पर लग सकता है अंकुश* 





*बच्चों को विकास से जोड़ने का प्रमुख माध्यम है ग्राम बाल संरक्षण समिति*

सुभाष तिवारी लखनऊ

प्रतापगढ़ विकासखंड सदर ग्राम पंचायत गोड़े के प्रथमिक विद्यालय पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार के अधीन संचालित चाइल्ड लाइन 1098 द्वारा 

ग्राम बाल संरक्षण समिति की बैठक किया गया। बैठक के उपरांत हकीम अंसारी ने कहा कि ग्राम बाल संरक्षण समिति के सक्रिय होने से बाल अपराध को रोका जा सकता है।

अंसारी ने कहा कि प्रत्येक गांव में बच्चों की सुरक्षा और विकास की प्रमुख धारा से जोड़ने के लिए ग्राम बाल संरक्षण समिति का गठन किया गया है। जिसमें बाल विवाह, बाल यौन शोषण, बाल श्रम, बच्चों का पलायन बाल तस्करी तथा बच्चों के प्रति बाल क्रूरता अथवा बाल शोषण ना हो यदि इस प्रकार का अप्रिय घटना ग्राम सभा में होती है तो अपने नजदीकी थाना के बाल कल्याण पुलिस अधिकारी या जनपद स्तर के विशेष किशोर पुलिस इकाई, जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल कल्याण समिति अथवा चाइल्ड लाइन 1098 पर फोन करके मदद के लिए बुला सकते हैं।

असहाय या नवजात शिशु मिलता है तो चाइल्ड लाइन 1098 पर इसकी सूचना दे सकते हैं। इसी क्रम में रीना यादव ने कहा कि ग्राम बाल संरक्षण समिति अपने ग्राम सभा में ऐसी परिवारों को चिन्हित करें जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं जिनके बच्चों को पालन पोषण, शिक्षा और सुरक्षा की जरूरत है। उन्हें सरकार की योजनाओं से जोड़ना समितियों की  प्रमुख जिम्मेदारी है। इस मौके पर

 आंगनवाड़ी शीला श्रीवास्तव, रंजना यादव, पूनम आशा, प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक जगदंबा प्रसाद मिश्रा, रुबीना बानो, सौर्य आदि सदस्य की उपस्थिति में बाल संरक्षण समिति की  बैठक किया गया।

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