देश की पुलिस से जनता का विश्वास उठता जा रहा हैः सैफुल्लाह ख़ां, राष्ट्रीय अध्यक्षः ग़ौसे आज़म फाउंडेशन


*देश की पुलिस से जनता का विश्वास उठता जा रहा हैः सैफुल्लाह ख़ां, राष्ट्रीय अध्यक्षः ग़ौसे आज़म फाउंडेशन




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जयपुर । झोटवाड़ा की बरकत कॉलोनी चौराहे पर झोटवाड़ा थाना के नए इंचार्ज, घनश्याम सिंह राठौड़ के सम्मान में कॉलोनी वासियों द्वारा, जनता और पुलिस के बीच तालमेल, पर आधारित एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें झोटवाड़ा थाना स्टाफ और बड़ी संख्या में लोगों ने शिरकत किया।


इस अवसर पर ग़ौसे आज़म फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष, हज़रत मौलाना मोहम्मद सैफुल्लाह ख़ां अस्दक़ी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सोशल मीडिया उपयोग करने वाली जनता, पुलिस के रवय्ये को देखती रहती है और मुसलमानों के साथ तो जिस तरह से यह घटिया व अभद्र भाषा का प्रयोग करती है, वह किसी से भी छुपा हुआ नहीं है। इसी कारण देश की पुलिस से जनता का विश्वास उठता जा रहा है।


हज़रत मौलाना मोहम्मद सैफुल्लाह ख़ां अस्दक़ी ने कहा कि देश की पुलिस ने हाल के कुछ वर्षों में जिस तरह से अपनी घटिया छवि को समाज के सामने पेश किया है उससे एक सभ्य व आम व्यक्ति, पुलिस के बारे में सोचकर ही डर जाता है। आज की पुलिस धर्म, जाति के आधार पर काम करती है, उसे अपने कर्तव्यों से कोई सरोकार नहीं है।


हज़रत मौलाना मोहम्मद सैफुल्लाह ख़ां अस्दक़ी ने कहा कि जहां वह एक धर्म विशेष के उग्रवादियों को प्रोत्साहित करती है, वहीं वह कमज़ोर और निर्दोष लोगों विशेषकर मुसलमानों को परेशान करती है। महिलाओं पर आए दिन शोषण होते रहते हैं लेकिन महिलाएं अपने शोषण के बाद भी पुलिस का नाम सुनकर डर जाती हैं।


हज़रत मौलाना मोहम्मद सैफुल्लाह ख़ां अस्दक़ी ने कहा कि पुलिस ने अपनी छवि को इस तरह धूमिल किया है कि पुलिस के नाम मात्र से ही आम आदमी डर जाता है, जबकि अपराधियों को प्रोत्साहन मिलता है।


हज़रत मौलाना मोहम्मद सैफुल्लाह ख़ां अस्दक़ी ने झोटवाड़ा थाना इंचार्ज, घनश्याम सिंह राठौड़ से कहा कि पुलिस का सबसे पहला कर्तव्य यह होना चाहिए कि वह जनता का विश्वास जीते, जनता के बीच संवाद क़ायम करे और जनता से अभद्र भाषा के साथ नहीं बल्कि नम्रता के साथ व्यवहार करे ताकि जनता और पुलिस के बीच तालमेल बना रहे।


कार्यक्रम में राज्यमंत्री मंजू शर्मा, पार्षद रेखा कूलवाल, थाना झोटवाड़ा स्टाफ गौरी शंकर, निजामुद्दीन, रिटायर्ड थानाधिकारी मोहम्मद अली, मुंशी खान पहल, रमज़ान खान, रईस खान, यूसुफ शेरानी, इमरान बेरी, रऊफ कुरैशी, सुरेंद्र, फारुक़ मंसूरी, निज़ाम, कमल, चांद आजाद, इमरान खान, रफ़ीक़ मनिहार आदि मौजूद थे।

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