किसी के काम जो आए उसे इंसान कहते हैं, पराया दर्द अपनाए उसे इंसान कहते हैं।*

 *किसी के काम जो आए उसे इंसान कहते हैं, पराया दर्द अपनाए उसे इंसान कहते हैं।*



इन शब्दों को कर्मों का ढांचा पहनाने वाले

*श्री सांवरमल शर्मा बंधुजी, लक्ष्मणगढ़ की पुण्यतिथि पर आयोजित हुआ कार्यक्रम*




प्रकृति प्रेमी, बालप्रेमी, नेकदिल, शिक्षाविद *स्व:साँवरमलजी शर्मा जिनको सम्पूर्ण उपखण्ड बंधुजी* के नाम से जानते व पहचानते है, जिन्होंने *बगड़िया बाल विद्या निकेतन* में अनेकों वर्षों तक शिक्षा देकर अनेकों विद्यार्थियों  के जीवन को रोशन किया हैं। उनकी *प्रथम पुण्यतिथि* पर उनके *सुपुत्र व्यवसायी संदीप व विद्युत विभाग लक्ष्मणगढ़ में कार्यरत लाइनमैन प्रथम संजय व दीपक* ने अपनी *माताजी सत्यभामा देवी* की प्रेरणा से अपने पिताजी की पुण्यस्मृति में गायों को गुड़, जरूरतमंदों को सम्पूर्ण राशनकिट एवम प्रबुद्ध जनो को पुण्यतिथी कार्यक्रम में पौधे और मास्क वितरित किए।  


*बाल सेवा सदन, शिव कॉलोनी, लक्ष्मणगढ़* में आयोजित प्रथम पुण्यतिथि कार्यक्रम में नगर सेठ रघुनाथ जी के मंदिर के *महंत अशोक दासजी महाराज, मनमोहन जी यति महाराज (खोरू की बर)*  उपस्थित रहे। 


बंधु जी से प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े कई महानुभाव *बलबीर सारण, रामस्वरूप माहेश्वरी, विश्वनाथ शर्मा, बनवारी शर्मा, गिरधारी लाल शर्मा, पवन गोएनका, प्रकाश नारायण पुरोहित, रतन लाल ढेवा* आदि कई प्रबुद्ध जनों ने गुरु जी को कार्यक्रम में पहुंच कर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। *जीतेश लुहार* ने निकेतन पूर्व व्याख्याता एवम् बंधू जी के सहकर्मी *विश्वनाथ मिश्रा* की शब्दांजलि को एक कविता के माध्यम से प्रस्तुत किया। 


बंधू जी की धर्मपत्नी सत्यभामा द्वारा एक प्रतिमा मंदिर का निर्माण बाल सेवा सदन में ही कार्यरत है जो की उनकी दूसरी पुण्यतिथि तक पूर्ण होना प्रस्तावित है।


सादगी पूर्ण चले इस कार्यक्रम का *संचालन विपिन शर्मा* ने किया।

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