जीवन को प्रेम और भक्ति से किया जा सकता है सफल, पट्टी के गोगलापुर में आयोजित कथा में बोले पंडित उमाशंकर महाराज

 *जीवन को प्रेम और भक्ति से किया जा सकता है सफल, पट्टी के गोगलापुर में आयोजित कथा में बोले पंडित उमाशंकर महाराज


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सुभाष तिवारी लखनऊ


*पट्टी* 

तहसील क्षेत्र के गोगलापुर गांव में आयोजित सात दिवसीय शिव पुराण कथा के पांचवे दिन अयोध्या से पधारे परम पूज्य पंडित उमा शंकर महाराज जी ने मौजूद लोगों को भगवान शंकर के कई रूपो के बारे में वर्णन करते हुए आधुनिक जीवन में उसे आत्मसात करते हुए अपने आचरण में उतारने की बात कही ।

     उन्होंने बताया कि एक ऐसा समय था जब राजा दक्ष भगवान शंकर का भरी हुई सभा में अपमान किया था अपमानित होकर भगवान शंकर लौट आए माता सती अपने परम पूज्य पिता के मुख से अपमानजनक बातें सुनकर यज्ञ में कूद पड़ी और अपने प्राण त्याग दिए । भगवान भोलेनाथ उस समय माता सती के पार्थिव शरीर को लेकर पृथ्वी पर भ्रमण करने लगे तथा देवताओं के कहने पर भगवान विष्णु ने अपना चक्र चला कर शव के टुकड़े किए जहां आज शक्तिपीठ बने हुए हैं। 

       भगवान शंकर और पार्वती के विवाह का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों के बीच में बहुत गहरा अंतर था लेकिन फिर भी आपसी सामंजस्य और प्रेम के कारण दोनों के विवाह की आज भी चर्चा की जाती है। उन्होंने मौजूद लोगों को अपने निजी जीवन में प्रेम और सामंजस्य अपनाने की सीख दिया और कहा कि भगवान शंकर से हमें बहुत ऐसी नैतिक बातें हैं जिसे सीखने की जरूरत है कथा के दौरान भगवान शंकर का विवाह भी आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य आयोजक पंडित शिव मूर्ति पांडे गेना राम पांडे, ओमप्रकाश पांडे ,भाजपा नेता रामेश्वर पांडे, माता शंकर शुक्ला, रवि पांडे, रितेश, आलोक पांडे, मेहंदीया के प्रधान रविंद्र कुमार सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

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