पानी की तलाश में प्यास के मारे कुएं में गिरी गाय। -आदिवासी बाहुल्य भाखर क्षेत्र के गांवों में के जल स्रोतों का जल स्तर गहराने के परिणाम मवेशियों पर दिख रहे हैं सांफ।

 पानी की तलाश में प्यास के मारे कुएं में गिरी गाय।

-आदिवासी बाहुल्य भाखर क्षेत्र के गांवों में के जल स्रोतों का जल स्तर गहराने के परिणाम मवेशियों पर दिख रहे हैं सांफ।




*दिनेश मेघवाल, आबूरोड (सिरोही)*


ग्राम पंचायत पाबा, उपलाखेजड़ा, निचला गढ़,ऊपलागढ़, जायदरा, दोयतरा, जांबूडी, के अधिकांश गांवों में मवेशियों का पानी के बिना जीना त्राहि-त्राहि बना हुआ है।

दोपहर में इन गांवों में प्रत्येक हेडपंपो पर विभिन्न पात्र थामें बच्चे, महिलाएं, बूढ़े, बारी का इंतजार करते हैं।,


चिंताजनक बात यह है कि अब पशुओं को पानी की प्यास बुझाना टेडी खीर बना हुआ है।

       

शनिवार को रणोरा गांव की बिजोरी फली में दोपहर में पानी की तलाश में इधर उधर जुगाड़ में निकली गाय को कहीं भी पानी नहीं मिलने पर, एक हुए के स्रोत में झांकने की कोशिश के दौरान अंदर गिर गई 30 फुट के कुएं में वापस निकालने के लिए रस्सों की सहायता से ग्रामीण एकत्रित होकर बाहर निकलने में कामयाब रहे।


फोटो विडियो :-

पेयजल किल्लत के मारे प्यास बुझाने की जुगत में 30 फीट कुएं में गिरी गाय रस्सों की सहायता से ग्रामीणों ने निकाला बाहर।

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