श्रमिक दिवस विशेष ... जोश,जूनून और जज्बे के साथ मजदूर से मंत्री तक का सफर अर्जूनसिंह बामनिया का जीरो से हीरो बनने का सफर

 जनतंत्र की आवाज 



 जयपुर गोपाल गुप्ता संपादक बांसवाडा ब्यूरो जगदीश चावडा 

श्रमिक दिवस विशेष ...

जोश,जूनून और जज्बे के साथ मजदूर से मंत्री तक का सफर 

अर्जूनसिंह बामनिया का जीरो से हीरो बनने का सफर

आज श्रमिक दिवस है।अगर जीवन मे कुछ कर गुजरने का जोश,जूनून और जज्बा हो तो हर कोई बडी उपलब्धि हासिल कर सकता है वरन एक मजदूर भी हर क्षेत्र मे कामयाबी के साथ बडी सफलता प्राप्त कर सकता है वर्तमान मे राजस्थान सरकार मे टीएडी मंत्री अर्जुनसिंह बामनिया के जीवन की कहानी भी इस कदर है कि माइंस पर पत्थर तोडे और हार नही मानी और मंत्री तक का सफर तय कर आज जनता के बिच मे है।5 सितंबर 1963 को बांसवाडा के मलवासा गांव मे जन्मै बामनिया ने प्राथमिक शिक्षा छींछ मे प्राप्त की उसके बाद स्नातक की पढाई के लिए गोविंद गुरू कालेज मे दाखिला लिया ,लेकिंन परिवार मे विपरित परिस्थितियों के कारण पढाई बिच मे ही छोडकर 1985 मे उमराई कोठारा क्षैत्र मे माइंस पर पत्थर तोडने के साथ मजदूरी की और फिर मशीन ओपरेटर का काम किया ।सात साल काम करने के बाद 1993 मे माइंस पर काम छोडकर काम के लिए भीलवाडा जा रहे थे कि डूंगरपुर मे बस स्टाप पर अखबार मे केरोसीन की एजेंसी की विज्ञप्ति पढी फिर बामनिया ने एजेंसी के लिए आवेदन किया और 1995 से जिले मे केरोसीन वितरण का काम शुरू किया साथ ही उस दौरान आदिवासियो के मसीहा के नाम से जाने माने समाजसैवी मामा बालेश्वर दयाल के संपर्क मे आकर जनता दल ज्वाइन किया 1995 मे जनता दल के टिकट पर पंचायत समिति सदस्य का चुनाव जीता। वर्ष 2000 मे टिकट नही मिला तो निर्दलिय चुनाव लडा ,हालांकि असफलता मिली उसके बाद 2002 मे तत्कालिन कांग्रेस सरकार के मंत्री दयाराम परमार की सभा मे कांग्रेस पार्टी मे शामिल हुए ।उस समय उनकी ग्रह पंचायत मलवासा विधानसभा क्षेत्र दानपुर का हिस्सा थी ।आजादी के बाद से लेकर 1998 तक दानपुर विधानसभा पर जनता दल का ही कब्जा रहा। 2002 मे कांग्रेस मे शामिल होने के बाद बामनिया को 2003 मे दानपुर विधानसभा सीट के लिए कांग्रेस से टिकट मिला और पूरी मेहनत और रणनिति के साथ माइंस पर पत्थर तोडने वाले मजदूर की दृढ इच्छा शक्ति से कांग्रेस का परचम लहराते हूए विजय प्राप्त की ।2003 विधानसभा चुनाव मे जिले से कांग्रेस के एकमात्र विधायक बामनिया ने राज्य विधानसभा मे बतौर विपक्ष के विधायक के रूप मे जिले का प्रतिनिधित्व किया था ।2008 मे परिसीमन के बाद दानपूर विधानसभा को समाप्त कर बांसवाडा बनाई तो बामनिया ने यहा भी धनसिंह रावत को शिकस्त दी हालांकि उस समय बामनिया को मंत्री पद नही मिला । 2018 मे चुनाव मे फिर एक बार जीते और सीएम गेहलोत के विश्वसनीय होने पर मंत्री पद का तोहफा मिला जिससे पिछले साढे तीन वर्षो से जिले मे विकासकार्यो को गति दे रहे है खासकर जिले के नान कमांड क्षेत्र मे सिंचाई सहित पीने के पानी की व्यवस्था करने मे जूटे है बामनिया ने टीएडी मद से जिले के जनजाति क्षेत्र मे कोचिंग के लिए हास्टल,छात्रावास ,आंगनवाडीयो मे पोषण वाटिका सहित जयपुर मे बालक बालिकाओ के लिए अकादमिक आदि बनवाए ....कंटेंट सौजन्य बांसवाडा भास्कर 

फोटौ मजदूर के रूप मे माइंस मे काम करने के दौरान वर्तमान टीएडी मंत्री अर्जुनसिंह बामनिया

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