*नौटंकी भरे निर्णय करने के बजाए आवश्यक कार्यवाहियों पर ध्यान दे ग्रेटर नगर निगम आयुक्त महेंद्र सोनी*
शहर में अवैध निर्माण और अतिक्रमण और अवैध चलते ढाबे,होटल,रेस्टोरेंट्स, मिठाई की दुकानें, आवासीय भवनों में चल रही कमर्शियल गतिविधियाँ व इन सबके कारण शहर में यातायात की अवरुद्धता व गंदगी पर ध्यान क्यों नहीं जाता आयुक्त नगर निगम ग्रेटर का???
राजापार्क हो या आदर्श नगर,मालवीय नगर हो या मानसरोवर,वैशाली हो या सी स्कीम । शहर के हर आवासीय क्षेत्र में कमर्शियल गतिविधियाँ इस क़दर बढ़ गयी हैं कि जयपुर शहर पूरा का पूरा बाज़ार नज़र आता है। सुख-चैन के दिन हवा हुए बस यह एक व्यवसायिक सिटी बन गया है।
हर तरफ़ जाम दिखाई देता है। स्ट्रीट फूड ठेलों से लेकर रेस्टोरेंट तक की भरमार शहर का सुख-चैन छीन रही है।
अवैध होर्डिंग,बैनर और पोस्टर केवल वर्तमान सरकार के अलावा सबके हटा दिए गए हैं। बाक़ी व्यवसायिक बैनर अवैध हों या वैध शहर के कोने-कोने में लगे हैं।
राजस्थान की राजधानी जयपुर में लगता है कि अंग्रेज़ी शासन आ गया है कि जो वो करें सब सही बाक़ी जो दूसरा करे सब ग़लत?
हर तरफ़ सांठगांठ का माहौल है जो जहाँ से लूट सके लूट ले खुली छूट है बशर्ते वह सरकारी या प्रशासनिक तौर से ज़िम्मेदार हो या पदस्थापित हो?
सरकार अपने हक़ों की लड़ाई में व्यस्त है जो हक़ उसके हैं भी नहीं। जनता के हक़-अधिकार का सरकार से कोई वास्ता नहीं।
आये दिन दुर्घटनाओं से पत्रिकाएं भरी होती हैं। इन सबका कारण शहर में बढ़ रही अवैध कमर्शियल गतिविधियां हैं जिसके चलते देर रात तक बाज़ार चलते रहते हैं और घटनाएँ, वारदातें,दुर्घटनाएँ लगातार बढ़ गयी हैं।
शासन और प्रशासन इस ओर ध्यान दे तो बेहतर होगा।