*स्वाधीनता का अमृत महोत्सव स्वराज-75 अनाम बलिदानियों के बलिदानों का सुफल --इंद्रेश कुमार*

 *स्वाधीनता का अमृत महोत्सव स्वराज-75 अनाम बलिदानियों के बलिदानों का सुफल --इंद्रेश कुमार*



*ललित गोलेछा ब्यूरो चीफ की रिपोर्ट*

*मानगढ़ धाम विशाल धर्मसभा एवं वाहन रैली संपन्न*

10 हजार दो पहिया वाहनों से 20 हजार से अधिक जनसमूह उमड़ा जनसैलाब

मानगढ़ धाम संदेश यात्रा स्वराज 75 आयोजन समिति द्वारा आयोजित विशाल वाहन रैली एवं धर्म सभा में बांसवाड़ा विभाग के बांसवाड़ा, डूंगरपुर एवं सागवाड़ा जिले से तथा गुजरात के संतरामपुर,दाहोद,महिसागर,पंच महल तथा मध्य प्रदेश के निकटवर्ती जिलों से 10 हजार से अधिक दोपहिया वाहनों सेआये 25 हजार जन समुदाय को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के सदस्य एवं वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हम सभी स्वतंत्र भारत में सांस लेते हुए आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं यह सौभाग्य हजारों शहीदों की शहादत का सुफल है। इस स्वाधीनता संग्राम में वागड़ क्षेत्र के गोविंद गुरु का अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान रहा। आदिवासी समाज में संप सभा के द्वारा वनवासी बंधुओं को संगठित करते हुए शिक्षा का प्रचार प्रसार के माध्यम से जन जागरण में लगे हुए थे इनका यह कार्य अंग्रेजों को रास नहीं आया इसलिए इस आंदोलन को दबाने के लिए अंग्रेजो के द्वारा 1 हजार पांच सौ से अधिक देशभक्तों पर विभत्स नरसंहार किया जो जलियांवाला बाग हत्याकांड से भी बहुत बड़ा नरसंहार था। उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए संगठनों का आव्हान किया कि हमें किसी भी प्रलोभन में आकर अपना धर्म नहीं छोड़ना चाहिए तथा क्षेत्र में हमारे जो लोग धर्मान्तरीत हुए है उन्हें घर वापसी करवाने का प्रयास करना चाहिए। गोविंद गुरु के बताए सिद्धांतों के अनुसार नशा मुक्ति अभियान द्वारा संपूर्ण समाज को नशा मुक्त करना हमारा परम कर्तव्य है। पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में एक वृक्ष लगाने का आह्वान किया। अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन से प्रारंभ हुई धर्म सभा को संजेली धाम की महन्त दलसुख दास जी महाराज ने भी संबोधित किया। उपस्थित सभी संत महंतों ने राष्ट्रपति की भावी उम्मीदवार जनजाति समाज की बेटी द्रोपदी मुर्मू को निर्विरोध राष्ट्रपति पद हेतु चुना जाएं।

आज की धर्मसभा में 03जुलाई 2022 को मानगढ़ धाम बाँसवाड़ा में आज 21000 सनातनियों के मध्य पूज्य साधु-संत मेट, कोतवाल, धूणी-धाम प्रमुखों द्वारा प्रस्ताव पारित किया गया एवं जनजाति समाज की पहली आदिवासी महिला को स्वाधीनता के बाद पहली बार अवसर मिला है इस पर प्रसन्नता व्यक्त की। 

पूज्य विक्रमदास जी महाराज (लसुडिया धाम),रतनगिरी जी महाराज(सुराता धाम),करण गिरि जी महाराज(बासियां धाम),अरविन्द गिरी जी(दे गामड़ा,महीसागर गुजरात), श्री राम प्रकाश जी महाराज बड़ा रामद्वारा बांसवाड़ा, श्री रामचंद्र जी महाराज मानगढ़ धाम,श्री रामस्वरूप जी महाराज (भारत माता मंदिर) श्री मनफूल सिंह जी संरक्षक (सनातन धर्म संरक्षण) श्री रामजी भाई गरासिया (गायत्री शक्तिपीठ संतरामपुर) भी सम्मिलित हुए।

स्वागत समिति से डॉ पवन जी चौरड़िया,सरदार सिंह जी,भुवन मुकुन्द जी पण्डया,कान्तिलाल जी व्यास,लाल शंकर जी पारगी एवं जयंतीभाई पटेल(सह विभाग कार्यवाह नड़ियाद), सुरेश भाईसाहब भावसार आदि ने स्वागत किया।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग कार्यवाह अशोक सुथार ने अतिथि परिचय करवाते हुए अतिथियों का अभिनंदन किया। 

मानगढ़ धाम संदेश यात्रा समिति के संयोजक नरेंद्र भगत ने कार्यक्रम की प्रस्तावना एवं भूमिका प्रस्तुत की। आभार अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के अध्यक्ष रामचंद्र खराडी ने व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग बौद्धिक प्रमुख दिनेश व्यास ने किया।

उक्त जानकारी अभियान के प्रचार प्रमुख ललित दवे ने प्रदान की।

टिप्पणियाँ