*जयपुर पुलिस ने दो फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर पर छापा मारकर 23 आरोपियों को किया गिरफ्तार*
*यह लोग जयपुर में बैठकर विदेशों में फोन करते थे और पैसा कमाने के लिए लोन दिलाने का झांसा देते थे*
जयपुर. राजधानी जयपुर में पुलिस ने फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर्स पर छापा मारकर 23 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. ये लोग जयपुर में बैठकर विदेशों में फोन करते थे और पैसा कमाने के लिए लोन दिलाने का झांसा देते थे. झांसे में आने के बाद लोगों से लाखों रुपए की ठगी को अंजाम देते थे. पुलिस आरोपियों से पूछताछ में जुटी है ताकि गिरोह की जड़ों तक पहुंचा जा सके.
*एक कॉल सेंटर के सरगना हुए फरार*
एडिश्नल कमिश्नर क्राइम अशोक कुमार गुप्ता ने बताया कि कार्रवाई को जयपुर कमिश्नरेट स्पेशल सेल और जयपुर साउथ पुलिस ने मिलकर अंजाम दिया है. जयपुर साउथ पुलिस ने सायबर सेल की सहायता से सोमवार देर रात शहर के अलग-अलग थाना इलाकों में दबिश देकर 2 फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर्स का पर्दाफाश कर 23 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें श्याम नगर में संचालित फर्जी कॉल सेंटर के सरगना करण सिंह और कुनाल शर्मा पुलिस के हत्थे चढ़ गए हैं. जबकि शिप्रापथ इलाके में संचालित फर्जी कॉल सेंटर के सगरना महमूद खान, रशीद खान और रमजान खान फरार हो गए हैं.
अमेरिका में बैठे लोगों को कॉल कर लोन दिलाने का झांसा देते थे
पुलिस ने दोनों कॉल सेंटर्स से बड़ी मात्रा में कंप्यूटर और लैपटॉप समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स बरामद किए हैं. पुलिस ने बताया कि इस शातिर गैंग ने कॉल सेंटर्स के जरिये विदेशी नागरिकों का डाटा अवैध रूप से लेकर उन्हें अपना शिकार बनाया है. गैंग के लोग कॉल सेंटर से अमेरिका में बैठे लोगों को कॉल कर लोन दिलाने का झांसा देते थे. जैसे ही कोई क्लाइंट इनके झांसे में आता तो ये वेस्टर्न यूनियन, आई ट्यून, गिफ्ट कॉर्ड, मनीग्राम या फिर अन्य तरीके से उनसे मोटी रकम ऐंठ लेते थे.
*पूर्व में जोधपुर और उदयपुर में पकड़े जा चुके हैं ऐसे कॉल सेंटर*
उल्लेखनीय है कि इससे पहले राजस्थान पुलिस ने जोधपुर और उदयपुर में भी फर्जी कॉल सेंटरों पर छापामार कार्रवाई कर कई लोगों को गिरफ्तार किया था. वहां भी इन कॉल सेंटर्स के जरिए रैकेट बनाकर विदेशी लोगों को फंसाकर उनसे ठगी की जा रही थी. अब जयपुर में हुई कार्रवाई ने यह साफ कर दिया कि प्रदेश में इनकी जड़ें बहुत गहरी हो चुकी हैं. वहीं राजधानी में संचालित हो रहे ठगी के इन कॉल सेंटर्स की स्थानीय पुलिस को भनक तक नहीं लगने से पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.