बांसवाड़ा--उदयपुर के गन डिलर ने खोली पोल, तीन आर एस अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर से 100से ज्यादा टोपीदार बंदूकें के लाईसेंस दिलाने वाले आरोपी बाबूलाल भोई को होगी जेल

राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में तीन आर एस अधिकारियों को अंधेरे में रख कर फर्जी हस्ताक्षर से एक बाबु ने सो से ज्यादा टोपीदार बंदूकों के लाईसेंस भी जारी करवा दिए मामले का भांडा तब फुटा की उदयपुर के गन स्टोर पर टोपीदार बंदूकों की खरीददारों की तादात बढ़ने लगी तो शक की सुई आरोपी बाबु प्रकाश भोई पर जा टिकीं  जेसे ही बांसवाड़ा एसपी,एडीएम, एसडीएम, व डीसीआई की टीम ने रेड डाली वह फर्जी हस्ताक्षर से टोपीदार बंदूकें के इस गोरखधंधे में लिप्त गढ़ी के बाबु प्रकाश भोई को गिरफ्तार किया गया मामला सामने आते ही, आरोपी प्रकाश भोई ने मामला खुलने के अंदेशे में आरोपी प्रकाश भोई ने फर्जी सील वह अन्य दस्तावेज दोस्त के घर छिपाएं पता चला की इस फर्जी हस्ताक्षर से टोपीदार बंदूकें दिलवाने में गिरोह में दलालों की भूमिका संदेहास्पद लग रही है!गीरोह के दलाल टोपीदार बंदूकों के खरीददार ग्राहक लाते थे  तथा 10से 12हजार रूपयों का कमीशन लेकर आरोपी  अपना ईमान बेच कर जल्द मालामाल हो रहा था, यह भी बताया गया की आरोपी बाबु प्रकाश भोई को जब सरकारी नौकरी मिली वो भी अनुकंपा नियुक्ति पर चुकी आरोपी बाबु प्रकाश भोई के पिता प्रभुलाल अस्पताल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे पिता की मौत के बाद आरोपी बाबु प्रकाश भोई तहसील में कार्यरत था, पांच साल पहले आरोपी गढ़ी एसडीएम कार्यालय लगा, यहां तक की एसडीएम कार्यालय के सामने ही आरोपी का एक मकान भी है यंहा तक यह पता भी चला की आरोपी बाबु प्रकाश भोई ने एसडीएम रामचंद्र खटीक,प्रभुदयाल शर्मा,वह पुजा पार्थ की फर्जी सील बनाने की भी आंशका से इन्कार नहीं किया जा सकता है हालांकि बंदुक लेने के लिए लाईसेंस बनवाने के लिए फाइल एसडीएम, सीआई, तहसीलदार,रेंजर के पास जाती है लेकिन आरोपी ने,फर्जी हस्ताक्षर का खेल क्यो खेला,,,! आरोपी बाबु प्रकाश भोई ने बांसवाड़ा एसडीएम कार्यालय में ही लाईसेंस की पुरी प्रक्रिया जानी थी गढ़ी एसडीएम कार्यालय में साल ,2013के बाद एक भी टोपीदार बंदुक का लाईसेंस ज़ारी नहीं हुएं समाचार लिखे जाने तक डीप्टी,वह चार एसएचओ की टीम इस मामले में जुटी है अभीतक 22बंदुके भी जप्त करने की बात सामने आई है, हम आपको बता दें की लाईसेंस ज़ारी करने से पहले तीन जगह दर्ज रिकॉर्ड होना जरूरी है,,फिर भी आरोपी बाबु प्रकाश भोई पकड़ में क्यो नही आया,!  देखना यह होगा की इस फर्जी हस्ताक्षर से टोपीदार बंदूकें दिलवाने वाले आरोपी बाबु प्रकाश भोई व गिरोह में शामिल आखीर कब तक कानून के शिकंजे से बचे डे?


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