कुशलगढ़ के मोहकमपुरा में एक दर्जन हरिजन परिवारों के सामने दो वक्त के भोजन का विकट संकट  अभी तक गरीब तबके के लोगों के लिए राशन की कोई व्यवस्था नहीं

कुशलगढ़ के मोहकमपुरा में एक दर्जन हरिजन परिवारों के सामने दो वक्त के भोजन का विकट संकट 
अभी तक गरीब तबके के लोगों के लिए राशन की कोई व्यवस्था नहीं
बांस के काम से रोजी रोटी का जुगाड करने वालै परिवार लाक डाउन में कैसे करें गुजारा
पूरा विश्व और भारत देश वैश्विक महामारी कोरोना संकट के विकट दौर से गुजर रहा है ऐसे में देश प्रदेश में गरीबी रेखा से निचे जीवन यापन करने वाले ऐसे हजारों परिवार है जिन्हें लाक डाउन में दो वक्त का खाना भी नसीब नहीं हो रहा है जी हां ऐसी ही मार्मिक कहानी प्रदेश के बांसवाड़ा जिले में कोरोना रेड जोन बन चुके कुशलगढ़ उपखंड के मोहकमपुरा कस्बे के एक दर्जन हरिजन समाज बंधुओं की है जहां तरालिया मार्ग पर रहने वाले 12 परिवार जिसमें छोटे बड़े 44 सदस्य हैं जिनका जीवन यापन बांस से बने सामान बेचकर गुजारा होता है ऐसे में लाक डाउन में ना ही बांस लेने जा सकते हैं और ना हि सामग्री बन पा रही है ऐसे में इन परिवारों के सामने रोजी-रोटी का विकट संकट पैदा हो गया है इनमें से ऐसे परिवार भी है जो चौबिस घंटे में एक समय का भोजन लें रहे हैं इन परिवारों को राशन कार्ड के हिसाब से मिलने वाला गेंहू भी ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है लेकिन स्थानिय पंचायत से लेकर शासन प्रशासन सहित किसी भी भामाशाह का ध्यान बंधी बस्ती मोहकमपुरा में रहने वाले इन परिवारों पर नहीं गया है यहां के नगीन भाई,विशाल ,सन्नु भाई,धापु भाई,सोहन भाई,टोनी ,मोनु आदि ने बताया कि किसी पत्रकार के राशन किट भी इन परिवारों को अब तक नहीं मिले हैं दुखड़ा सुनाए तो किसे सुनाएं सुनने वाला भी कोई नहीं है मिडिया के माध्यम से अपनी संवेदना शासन प्रशासन तक पहुंचाई है ताकि इन परिवारों को किसी प्रकार की सहायता नसीब हो सके।
फोटो कुशलगढ़ के मोहकमपुरा में हरिजन समाज के परिवार के सदस्य जिनको दो वक्त का भोजन भी नसीब नहीं


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