कोरोना का असर पत्रकारों की रसोई पर कैसे चल पाएगा घर*

*कोरोना का असर पत्रकारों की रसोई पर कैसे चल पाएगा घर*



कोरोना का असर।
ऑस्ट्रेलिया में एक साथ 60 समाचार पत्रों का प्रकाशन हो चुका बंद।
प्रिंट-इलेक्ट्रोनिक और सोशल मीडिया पर जारी कोरोना का कहर !
प्रिंट मीडिया को इस वर्ष 15 हजार करोड़ के घाटे का अनुमान
एक बड़े अखबार ने अधिकांश स्टाफ के वेतन का 60 से 65% भुगतान किया स्थगित
एक दूसरे बड़े अखबार ने भी स्टाफ की सैलेरी में की 30% की कटौती 
इंडियन एक्सप्रेस और बिजनेस स्टैंडर्ड ने भी की कर्मचारियों के वेतन में बड़ी कटौती
हिंदुस्तान टाइम्स ग्रुप और The Hindu ने अपने अधिकांश पत्रकारों के वेतन में की 25% की कटौती
कई अखबार और मैगजीन की प्रिंट कॉपी भी हो चुकी कोरोना काल में बंद
टाइम्स ऑफ इंडिया 30 अप्रैल से ही बंद कर चुकी अपनी संडे मैगजीन
पिछले 24 साल से प्रकाशित हो रही थी संडे मैगजीन
इकनॉमिक टाइम्स समेत TOI ग्रुप ने अपने सभी अखबारों और मैगजीन के पत्रकारों के वेतन में एक अप्रैल से लागू की 25% कटौती
मुंबई के दो बड़े अखबारों ने भी अपने 50% पत्रकारों को बिना वेतन भेजा अवकाश पर
इंडिया टुडे ने अपने 40 पत्रकारों, 6 कैमरामैन और 17 पैनल प्रोड्यूसर्स की सेवाएं की समाप्त
इससे पहले आउटलुक मैगजीन प्रबंधन भी ले चुका प्रिंट कॉपी बंद करने का निर्णय 
हालांकि डिजिटल पर उपलब्ध होती रहेगी आउटलुक मैगजीन
देश की सबसे बड़ी वेबसाइट ने भी लगभग आधी टीम को बिना वेतन भेजा छुट्टी पर
BLOOMBERG और राघव बहल द्वारा संचालित द क्विंट है देश की सबसे बड़ी वेबसाइट
देश के एक बड़े न्यूज नेटवर्क ने दक्षिण भारत के अपने चैनल्स के स्टाफ में की 50% कटौती
एक दूसरे बड़े न्यूज नेटवर्क ने भी बड़े पत्रकारों और सेल्स स्टाफ के वेतन में की 40% की कटौती
इसी न्यूज नेटवर्क में अगले एक दो महीने में हो सकती 200 से अधिक पत्रकारों की छंटनी
न्यूज नेशन ने भी चैनल के सभी पत्रकारों के वेतन में की 25% कटौती
...और इसके साथ ही डिजिटल मीडिया के सारे स्टाफ को किया कार्यमुक्त
इसी प्रकार ऑस्ट्रेलिया में भी एक साथ 60 समाचार पत्रों का प्रकाशन हो चुका बंद
लंदन की मैगजीन STYLIST ने भी अपना प्रकाशन किया बंद
ऐसे में आखिर मीडिया में कहां जाकर रुकेगा कोरोना का ये कहर


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