प्रधानमंत्री के पद नाम ज्ञापन अंचल निरीक्षक अजय कुमार को सौंपा।
केंद्र की भाजपा सरकार
वैश्विक महामारी को रोकथाम करने में विफल : अयुब खान
चंदवा - भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (माकपा) के देशब्यापी विरोध दिवस के अह्वान पर लॉकडाउन सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए पार्टी ने घर के समक्ष आमजनता की रोजी - रोटी की हिफाजत के लिए प्रदर्शन किया, प्रधानमंत्री के पद नाम ज्ञापन अंचल निरीक्षक अजय कुमार को सौंपा, कार्यकर्ता मांगों से संबंधित पोस्टर पार्टी का झंडा बैनर हाथों में लिए हुए थे, कार्यक्रम के पश्चात बालीवुड फिल्म एक्टर सुशांत सिंह राजपूत, इरफान खान, ऋषि कपूर, व अन्य के निधन पर एक मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजली दी, पचु गंझु, के नेतृत्व में आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए लातेहार के जिला सचिव सुरेन्द्र सिंह, वरिष्ठ नेता सह चतरा लोकसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी अयुब खान, जिला कमिटि सदस्य ललन राम, बालेश्वर मिंज ने कहा कि कोविड-19 की वैश्विक महामारी को रोकथाम करने में केंद्र की भाजपा नेतृत्व वाली नरेंद्र मोदी सरकार विफल रही है,लॉकडाउन के बीच जनता भोजन की समस्या से तथा राज्य सरकार फंड कि कमी से डॉक्टर् स्वास्थ्य कर्मी कोरोना वायरस से बचने के लिए सुरक्षा उपकरण की कमियों से एवं श्रमिक भोजन रोजगार कि संकट से जूझ रहे हैं, वहीं भाजपा के गृहमंत्री अमित शाह ने बिहार में वर्चुअल रैली कर चुनाव प्रचार में करीब सौ करोड़ रूपये खर्च किया, इससे प्रतित होती है कि केंद्र सरकार इस महामारी से लड़ने में कितनी गंभीर है, इतना राशि मजदूरों को घर वापस भेजने मे भाजपा खर्च किए होते तो कई श्रमिकों को घर पैदल लौटने के क्रम में जान गवांने समेत दुर्दशा उठानी नहीं पड़ती, देश की जनता को इस विकट परिस्थिति में अपने हाल पर छोड़ दिया है, एक तरफ करोना संक्रमण का तेजी से विस्तार हो रहा है वहीं दूसरी तरफ सरकार मजदूरों एवं किसानों को राहत देने के बदले उनपर जनविरोधी नीतियों को थोप रही है, मोदी सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपए की आर्थिक पैकेज की घोषणा किया था लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए, लेकिन इसका फायदा गरीब किसान दुकानदार महिलाओं, मध्यम वर्गों और आम जनता को नहीं मिल रहा है, यह ऐलान भी झूठा साबित हो रहा है, किसानों की खेती चौपट हो रही है, बचे हुए सब्जी फसल को औने पौने दामों पर बेचने पड़ रहे हैं, वे बर्बादी के कगार पर पहुंच गए हैं, फसल का लागत नहीं निकल पा रही है, प्रवासी मजदूरों समेत कामगारों को काम देने की बात कि गई थी मगर श्रमिक काम के अभाव में घरपर बैठे हुए हैं,
नस्लवाद सांम्प्रदायवाद की भेदभाव दुनिया में तेजी से फैल रही है जिससे तत्काल रोके जाने की जरूरत है,
अंत में अयुब खान के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने अंचल निरीक्षक अजय कुमार से मुलाकात कर प्रधानमंत्री के पद नाम ज्ञापन उन्हें सौंपा, जिसमें आयकर के बाहर सभी परिवारों को 6 माह तक 7500 रुपया प्रति माह बैंक खाते में ट्रांसफर तथा छह माह तक प्रति व्यक्ति प्रत्येक माह मूफ्त दस किलो खाद्यान्न वितरण कराने, किसानों को मूफ्त में धान, मक्का की बीज तथा खाद्य उपलब्ध करने, मनरेगा के तहत न्युनतम मजदुरी के साथ दो सौ दिनों का रोजगार, शहरी गरीबों के लिए काम, जिन्हें रोजगार नहीं मिल पा रहा है उन सभी लोगों को बेरोजगारी भत्ता देने, राष्ट्रीय संपत्ति की हो रही लुट, सार्वजनिक क्षेत्र केनिजीकरण की प्रक्रिया बंद की जाए, श्रम कानूनों में बदलाव करने की कोशिशों पर रोक लगाने ,कोरोना महामारी के संक्रमण का दायरा बढता जा रहा है, सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा को सशक्त बनाने, हजारों युवाओं - युवतियों को रोजगार देने वाले बंद पड़े चंदवा के अभिजीत और एस्सार बिजली पावर प्लांट को चालू करने, वर्ष 2019 मे हुए फसल बीमा का भुगतान किसानों को किए जाने की मांग की गई है।