गहलोत सरकार के मंत्रियों ने दिया बयान सरकार के कार्यकाल में नहीं हुआ कोई भी विकास का कार्य जिसके कारण पहुंची आत्मसम्मान को ठेस

*गहलोत विरोधी पूर्व मंत्रियों के बयानों ने छेड़ा नया विवाद, क्या वास्तव में सरकार ने जनहित में कार्य नहीं किये, जिससे पायलट गुट के आत्मसम्मान को पहुँची ठेस।* आखिर क्या है सच, पढ़िएजयपुर। प्रदेश कांग्रेस में चल रही अंदरूनी गुटबाजी अब खुले रूप में राजस्थान सरकार में आ चुकी है। पहले सचिन पायलट का अपनी सरकार में बगावत करना, फिर कांग्रेस द्वारा गहलोत को विधायक दल का नेता मानते हुए, पायलट समेत 3 मंत्रियों को मंत्री पद से बर्खास्त करना। भले ही लोग मान रहे है कि प्रदेश सरकार में अचानक से अस्थिरता आई है। पर अब प्रदेश के मुखिया गहलोत और पायलट गुट के पूर्व मंत्री विधयकों द्वारा जो जुबानी जंग छिड़ी है, और वर्तमान में जो नए बयान आ रहे है, उससे लगता है कि अब कांग्रेस राज के गड़े मुर्दे उखड़ना शुरू हो गए है। पायलट गुट का सरकार के प्रति असन्तोष का कारण चाहें जो भी हों। पर सावर्जनिक रूप से वे इसे सिर्फ अपने आत्मसम्मान की लड़ाई बता रहे है, पूर्व मंत्री रमेश मीणा और विश्वेन्द्र सिंह ने तो यहाँ तक बयान दे दिया कि बीते डेढ़ साल में सरकार ने जनहित में कोई कार्य नही किया, हमें सरकार में जनता ने चुन कर भेजा था, फिर जनता के लिए ही हम कार्य नही कर पाएं, तो ऐसी सरकार का क्या मतलब। एक मीडिया को दिए बयान में पायलट ने खुद यह स्वीकार किया है कि उनके कहने पर ट्रांसफर तक नही होते थे। अब इन बयानों से एक ही बात का अंदेशा लगाया जा सकता है कि सरकार के पुराने जख्म उभर रहे है। सरकार के ताजा बयानों के कारण हम आपको पुनः वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस के जनघोषना पत्र से रूबरू कराते है, ताकि जनता खुद आंकलन करें कि क्या वाकई में कांग्रेस सरकार ने सरकार में आने के बाद अपने घोषणा पत्र को कार्यनीति में बदला, या पायलट गुट द्वारा लगाए गए आरोप कितने सही है। 


*यहां जानें कांग्रेस जनघोषणा पत्र के प्रमुख वादे*


- महिलाओं को मिलेगी फ्री शिक्षा


- सरकार आने के 10 दिन के अंदर किसानों का कर्ज होगा माफ 


- -कृषि उपकरण लाएंगे जीएसटी से बाहर


- बच्चियों की पढ़ाई होगी निशुल्क 


- बुजुर्ग किसानों को पेंशन की सुविधा


- बेरोजगारों को एग्जाम देने के लिए मिलेगा फ्री सफर


- गोचर जमीन विवाद निपटारे के लिए बनेगा बोर्ड


- महिलाओं के लिए खुलेंगें ITI और पॉलिटेक्निक


- मजदूर और किसानों का पलायन रोकने के लिए बनेगा बोर्ड


- बेरोजगारों के लिए करेंगे लोन का बंदोबस्त


- साढ़े 3 हजार मासिक आर्थिक मदद देंगे 


- राइट टू हेल्थ का प्रस्ताव लाएंगे


- पत्रकार सुरक्षा कानून लाएंगे


- किसानों की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद


- कृषि कार्य के लिए आसान दर पर गुणवत्ता युक्त बिजली 


- जैविक कृषि तथा जैविक विधि को प्रोत्साहन


- प्याज, लहसुन, गवार, कपास जैसी अन्य फसलों के निर्यात को बढावा


- बागवानी को बढावा देने के लिए विशेष पैकेज


- मनरेगा योजना के तहत कृषि कार्यों एवं भूमि विकास के कार्यों को जोडऩा


- प्रदेश में मसाला बोर्ड का गठन 


- अकाल से निपटने के लिए अकाल राहत कोष 


- जिन जिलों में किसान भवन नहीं हैं वहां किसान भवन बनाना 


- किसान आयोग को प्रभावी एवं सक्रिय करना


- जानवरों से किसानों की फसल के नुकसान को रोकने के लिए कार्ययोजना बनाना


- प्रदेश की गौण मंडियों को पूर्ण मंडियों के रुप में विकसित करना 


- किसान एवं पशुपाल नीति बनाने का वायदा *खैर* एक बात तो साफ है कि कांग्रेस जिन घोषणाओं के दम पर सरकार में आई, उनमें कई घोषणा तो आज तक कागजों पर भी उकेरी नहीं गई है। ऐसे क्या प्रदेश के मुखिया गहलोत जो कि अपने को पूर्ण निष्ठावान कांग्रेसी मान रहे है, वे इन घोषणाओं को जल्द पूरा कर पायलट गुट को करारा जबाव देंगे या जिस प्रकार से वे अपनी सरकार के पूर्व साथियो को जैसे धड़ल्ले से निकल फेंक रहे है, ऐसे ही जनहित की घोषणाओं को भी भुला देंगे।


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