ब्लड के अभाव में जिंदगी मौत से जूझ रही लाडली को एक युनिट ब्लड चढ़ाया गया*।

 


 


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*स्वास्थ्य में हो रहा है सुधार*


 


*चंदवा* - चंदवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ईलाजरत कामता निवासी लाडली प्रवीन को सोमवार को एक युनिट ब्लड चढ़ाया गया, इससे मरीज की स्वास्थ्य में थोड़ा सुधार हुआ है, इससे परिजनों ने राहत की सांस ली है, एक युनिट ब्लड इसे बुधवार को चढ़ाया जाएगा, ब्लड बैंक लातेहार से दो युनिट ब्लड मरीज को उपलब्ध कराया गया है, करीब पंद्रह दिनों से ब्लड के अभाव में जिंदगी मौत से वह घर पर ही जूझ रही थी।


 


*चंदवा सीएचसी में चिकित्सा प्रभारी नंदकुमार पॉडे के देख रेख में चल रहा है ईलाज*


 


*ए पॉजीटिव है ब्लड ग्रुप, 5.4 ग्राम था ब्लड*।


 


सामाजिक कार्यकर्ता अयुब खान, राज्यसभा सांसद प्रतिनिधि असगर खान, कॉग्रेसी नेता बाबर खान, पूर्व पंचायत समिति सदस्य फहमीदा बीवी ने रविवार को लाडली को अस्पताल में भर्ती कराया था।


 


लॉकडाउन अर्थाभाव के कारण ईलाज के लिए बाहर ले जाने पर परिजनों द्वारा असर्मथता जताए जाने और परिजनों द्वारा यहीं पर ईलाज करने की अनुरोध किए जाने के बाद चिकित्सा प्रभारी नंदकुमार कुमार पॉडे ने इसका ईलाज करने के लिए तैयार हुए।


 


*मरीज के परिजनों ने चिकित्सा प्रभारी एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं का अभार जताया*।


मरीज के परिजनों ने चिकित्सा प्रभारी का अभार जताया है, कहा है कि जिस समय अपनी बेटी को अस्पताल लाया था उस समय वह बोल नहीं पा रही थी, स्वास्थ्य उसका अंत्यंत ही खराब था, लॉकडाउन के कारण इसे ईलाज के लिए बाहर ले जाने से अस्मर्थ थे, ऐसे घिरे मुसीबत में डॉक्टर ने मुझे सहारा देकर हमारे बेटी को बचाया, यदि वह रेफर कर देते तो सायद ही मै अपनी बेटी को बचा पाता, इसके लिए चिकित्सा प्रभारी के साथ साथ सामाजिक कार्यकर्ताओं का परिजनों ने अभार जताया है।


 


*दबाव के कारण चंदवा सीएचसी में चालू नहीं किया जा रहा है ब्लड स्टोरेज : अयुब खान*


 


सामाजिक कार्यकर्ता सह माकपा नेता अयुब खान ने कहा है कि लातेहार जिला स्वास्थ्य विभाग किसी के दबाव में आकर जानबूझ कर चंदवा सीएचसी में ब्लड बैंक, ब्लड स्टोरेज चालू नहीं कर रही है, ऑखिर क्या कारण है कि सभी संसाधन उपलब्ध होने के बाद भी ब्लड स्टोरेज चालु नहीं हो पा रही है, स्वास्थ्य विभाग जिस दिन चाह जाएगी दो चार दिन में चालू हो जाएगा, विभाग धैर्य की परीक्षा ले रही है, इससे विभाग की ही बदनामी हो रही है, यहां आए दिन ब्लड के अभाव में मरीजों को दिक्कत हो रही है, समय पर मरीजों को ब्लड नहीं मिलने से जान चली जाती है, ब्लड डोनर मिलने के बाद भी दिनभर लग जाते हैं तब जाकर मरीज को ब्लड उपलब्ध हो पाता है, इसके बावजूद भी विभाग इस जनहित तथा जिंदगी मौत से जुड़े मामले पर उदासीन है जो काफी दुर्भाग्यपूर्ण है।


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