किसानों के धरने की सज़ा देश की जनता महंगाई झेलकर भोग रही है - अभिषेक जैन बिट्टू
सामाजिक कार्यकर्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने गुरुवार को कहा कि देश मे चल रहे किसानों के आंदोलन, धरने, प्रदर्शन की सज़ा देश की जनता को महंगाई के बोझ तले झेलने को मजबूर होना पड़ रहा है। आज देश की सबसे मूलभूत सुविधाओ में शामिल हो चुके पेट्रोल, डीजल सहित सबसे मूलभूत सुविधा रसोई गैस तक इतना महंगा हो गया है कि कोई चाहकर भी आवाज नही उठा पा रहा है।
जैन के अनुसार नोटबंदी, जीएसटी के असर जनता उबर भी नही पाई थी कि कोरोना महामारी ने देश के मध्यम आयवर्गीय परिवार और गरीब परिवारों की कमर तोड़कर रख दी है। केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार सभी ने मिलकर राहत के नाम पर केवल लीपापोती की और दिखावे का ढिंढोरा छाती पिट-पिट कर किया।
बिना काम-धंधे नागरिकों को पेट काटकर जीना पड़ रहा है, महंगी बिजली, पानी को भोगना पड़ रहा है, बिना सुविधा लिए जबर्दस्ती स्कूलों की फीस को भोगना पड़ रहा है, लोग बेरोजगार होते जा रहे है, काम-धंधे ठप पढ़ते जा रहे है, अमीर, अमीर होता जा रहा है, गरीब, गरीब होता जा रहा है। इतना सब कुछ हो जाने के बावजूद अब पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के दाम बढ़ाकर नागरिको की कमर तोड़ी जा रही है। ऐसा लगता है जैसे किसानों के आंदोलन का बदला देश की जनता से लिया जा रहा है, जिससे देश की जनता में आक्रोश बढ़े और वह किसानों के खिलाफ आवाज उठाकर, किसानों के आंदोलन की ठप करवा सके।