शिक्षक शिक्षा देने तक सीमित नहीं,हर काम में अग्रेसर की भूमिका

 कुशलगढ़ बांसवाड़ा

शिक्षक शिक्षा देने तक सीमित नहीं,हर काम में अग्रेसर की भूमिका


एक सरकारी स्कूल के शिक्षक श्री विजयसिंह खडिया जो कि रा.उ.मा.वि.डूंगरीपाडा में कार्यरत है...जब अपनी बेटी को लेकर पीटीएम की मिटींग में लेकर जा रहे थे जहां कुशलगढ़ नर्सरी के समीप रोड के पास एक नीम के पेड के तने से धुंआ उठता देखा...कि पेड का तना जल रहा था...हालांकि यहां से सैंकडो लोग गुजर चूके होगें पर किसी ने ध्यान नहीं दिया व इसे बुझाने की जहमत नहीं उठाई...जिसे किसी शरारती तत्व ने शायद आग लगा दी होगी...जिस पर उक्त शिक्षक ने बेटी को पीटीएम मिटींग मे ले जाने के बजाय पहले इस हरे पेड का जीवन बचाना उचित समझा... एक शिक्षक से बेहतर हरे पेड का महत्व कौन समझा सकता है...जिस हेतू पास से बाल्टी मांगकर हेडंपम्प से पानी भरकर नीम के पेड की आग बुझाई और उसके बाद अपनी बेटी को लेकर मिटींग में गये...वक्त रहते इसे बुझाया नहीं गया होता तो ये पेड अंदर ही अंदर जलकर अचानक रोड पर गिर जाता और जिससे कोई बडा  हादसा हो सकता था...उनका मानना है हमें अपना जीवन बचाने के लिये पेडों का जीवन बचाना होगा।

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