प्राइवेट हॉस्पिटल के संचालन में जुटे सरकारी डॉक्टर,सीएमओ की लापरवाही डॉक्टर बेचते है कमिशन की दवाई

 प्राइवेट हॉस्पिटल के संचालन में जुटे सरकारी डॉक्टर,सीएमओ की लापरवाही डॉक्टर बेचते है कमिशन की दवाई

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 कुशीनगर :-  प्राइवेट प्रैक्टिस में जुटे सरकारी डॉक्टर समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र फाजिलनगर में दशको से जमे है सरकारी डॉक्टर लिखते है प्राइवेट दवाई और करते है मोटी कमाई। मनपसन्द सरकारी इलाज समाजबादी डॉक्टर समाजबादी लोगो का करते है इलाज कुशीनगर के जिला स्वाथ्य अधिकारी की मिली भगत से हॉस्पिटल में मरीजों के साथ लूट खसूट मचा हुवा है CMO की ढिलाही डॉक्टर बेचते है कमीशन की दवाई,जांच के नाम पर बाहर की जांच कराकर किया जाता है मरीजों का शोषण समाजबादी डॉक्टरों के सामने सरकार बौना साबित हो रहा है , सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कुशीनगर जनपद का सामुदायिक सवास्थ्य केंद्र फाजिलनगर इन दिनों लूट खसूट का अड्डा बना हुआ है सरकारी इलाज के नाम पर मरीजों का किया जाता है शोषण जांच बाहर से कराकर डॉक्टर कमाते है कमीशन, कमीशन वाली दवा लिखकर मरीजों के साथ किया जाता है शौतेला ब्वहार , स्थनीय लोगो का यह भी कहना है की फाजिलनगर सरकारी अस्पताल में डॉक्टर कम समाज बादी डॉक्टरों की भरमार है केवल समाजबादी लोगो का ही इलाज यहाँ सम्भव है। ये समाजबादी डॉक्टर दसको से इस हॉस्पिटल की शोभा बढ़ाते है ,और गांव देहात से आये गरीब जनता का इलाज के नाम पर गरीब अशहाय मरीजों का खूब शोषण भी करते नजर आते है. सामान्य बुखार में भी हजारो -2 की जांच एवं हजारो की अपनी कमीशन वाली दवा लिखकर मरीजों का शोषण करते नजर आते है। अगर किसी प्रकार कोई झगड़ा फसाद करके कोई फरियादी हॉस्पिटल पहुंच गया तो इन डॉक्टर लोगो की बले-बले चोट के हिसाब से डॉक्टरी /मोलहिजा का मनमानी 500 -5000 तक फ़ीस वसूला जाता है नहीं देने पर बहाना बनाकर टालमटोल कर मरीजों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। महिला मरीजों की तो बात ही अलग है। बाहर से दिलेभरि/प्रस्तूति कराकर फाजिलनगर सरकारी हॉस्पिटल में दाखिला कराया जाना तो नर्सो एवं दाइयो का खेल है। पैसा फैको तमासा देखो। इस हॉस्पिटल में कार्यरत प्राइवेट डॉक्टर तो केवल मरीजों के लिए ही आते है , दिन में एक डॉक्टर सरकारी अस्पताल में आये मरीजों को बाहर प्राइवेट हॉस्पिटल में भेजने पर 5000/ तक का कमीशन पाता है ,वैसे अधिकांशतः डॉक्टरों की अपनी प्राइवेट हॉस्पिटल है। और मरीजों को बाहर अपने हॉस्पिटल में भेजने के लिए ही सरकारी हॉस्पिटल में ड्यूटी दिखाने आते है सरकारी अस्पताल के अधिकारी डॉक्टर की भी मिली भगत से इस घटना को इन्जाम दिया जाता है।
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