नान कमांड इलाके के गांवों में संक्रमण फैलने के बावजूद पानी के टैंकर आखिर अब तक शुरु क्यो नही?

 बांसवाड़ा राजस्थान जनतंत्र की आवाज ब्यूरो जगदीश चावडा

केवल वोट तक ही है क्या सिमित जनजाति क्षेत्र की जनता ?

नान कमांड इलाके के गांवों में संक्रमण फैलने के बावजूद पानी के टैंकर आखिर अब तक शुरु क्यो नही?



घाटा क्षेत्र में पीने के पानी का मचा त्राहिमामा, जनप्रतिनिधि और शासन भी अब तक बना मूकदर्शक

जनता के दम पर नेता चुने जाते हैं वार्डपंच से लेकर पीएम तक बनाकर गरीब जनता देश की बागडोर जनप्रतिनिधियों के हाथ में सौंपती है ताकि दुःख और विपदा के समय उनकी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके कहां जाता है जल ही जीवन है ।रहिमन पानी राखिए,बिन पानी सब सून लेकिन जिम्मेदार भी जिम्मेदारी से करनी काट लें और वैश्विक महामारी कोरोनावायरस की दूसरी लहर में जहां संक्रमण जानलेवा महामारी बनकर गांवों तक पहुंच चुका है ऐसे बांसवाड़ा जनजाति बाहुल्य क्षेत्र के नान कमांड सबसे ज्यादा खेड़ा धरती घाटा क्षेत्र की विभिन्न पंचायतों के विभिन्न कस्बों ,गांवों और ढाणी मजरों में जनजाति बाहुल्य क्षेत्र में निवास करने वाले आमजन पीने के पानी के लिए परेशान होकर अपना और माल मवेशियों का गला तर कहीं गंदै पानी से तो कहीं दो से तीन किमी दूर पैदल चलकर सीर पर पानी उठाकर कर रहे हैं जहां अमुमन फरवरी माह के अंतिम सप्ताह में पेयजल स्त्रोत जवाब देने के बाद हालत भयावह है जहां बरतानिया पंचायत प्रशासन से लेकर जिम्मेदार पीएचडी विभाग सहित जनप्रतिनिधियों और शासन प्रशासन का ध्यान कोरोना महामारी में भी पीने के पानी के इंतजामात करने पर नहीं गया है तथा त्राहिमाम मचा हुआ है यहां बता दें कि क्षेत्र की बावड़ी निनामा पंचायत के कालाखेत गांव के ग्रामीण गांव से दो किमी दूर गवर्नर गांव और तालाब के पेटै में खोले गड्डो से पीने के पानी का बंदोबस्त कर रहे हैं जहां गांव के जागरूक अध्यापक और समाजसेवी रघुनाथ कटारा ने बताया कि पेजयल की समस्या की लिखित जानकारी और टैंकर शुरू करने की मांग उपखंड में दे चुके हैं साथ ही जनप्रतिनिधियों को भी अवगत करा चुके हैं लेकिन आज दिन तक नान कमांड इलाके में पानी के टैंकर शुरू करने के आदेश नहीं हूए है वहिं मोहकमपुरा सातलिया क्षेत्र के जनपद प्रतिनिधि सादर भाई भूरिया ने बताया कि कुशलगढ़ कस्बा वायरस के पहले चरण में रेड जोन और हाट स्पाट यह चुका है वर्तमान में हर पंचायत क्षेत्र में संक्रमित आने लगे हैं पंचायतों की और से ना तो सेनीटाइजर का छिड़काव किया गया है नहीं नियमानुसार एडवायजरी का पालन हो रहा है वहिं क्षेत्र की जनता पीने के पानी के लिए भटक भटक कर जुगाड कर रही है शीघ्रताशीघ्र नान कमांड गांवों में पीने के पानी के टैंकर शुरू होने चाहिए ।

फोटौ बांसवाड़ा जिले के सबसे ज्यादा नान कमांड घाटा क्षेत्र के गांव के ग्रामीण दो किमी दूर गल्धर से पीने के पानी का जुगाड कर लाते 

गांव से समर्थित कुआं जिसमें गंदा पानी पीने को विवश

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