कोरोना से भयभीत न होकर बचाव अनिवार्य है
कोरोना महामारी की दूसरी लहर जिस तरह से कहर बनकर आई है उससे आमजन भयभीत नजर आ रहा है। कोरोना के बारे में सब जानते हैं कि यह संक्रामक वायरस जनित बीमारी है।
संक्रमित व्यक्ति जब छींकता या खाँसता है तो नाक एवं मुंह से निकली हुई बूंदों के माध्यम से कोविड-19 वायरस मुंह तथा नाक के जरिए श्वास नली से होता हुआ हमारे फेफड़ों तक पहुंचता है और फेफड़ों को संक्रमित कर के फेफड़ों को नष्ट कर देता है। इससे उस व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। संक्रमण को फेफड़ों तक पहुंचने मे 5 से 7 दिन लग जाते हैं तब तक यह वायरस नाक गला श्वास नली तक ही रहता है तो शुरू में वायरस के संक्रमण के कारण हल्के लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं जैसे गले में खराश, जुखाम, हल्की बुखार, बदन में दर्द इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
अभी हाल ही में नवीन अध्ययन से पता लगा है की यह वायरस हवा से भी फैल रहा है क्योंकि जब संक्रमित व्यक्ति छींकता या
खासता है तो उसके मुंह तथा नाक से निकली हुई बूंदों में कोरोनावायरस रहता है वह वायरस लगभग 3 घंटे तक हवा मे रहता है। उसके संपर्क में आते ही व्यक्ति संक्रमित हो जाता है
अतः हम लोगों को बहुत सावधानी की आवश्यकता है।
कोविड-19 के आमतौर पर निम्न लक्षण प्रकट होते हैं
* सुखी खांसी सर्दी गले में खराश
* बुखार आना, ठंड लगना
* थकान, मूर्छा, मांसपेशियों या शरीर में दर्द
* बंद या बहती नाक
* सिर दर्द
* सांस लेने में तकलीफ या
हांपना
* भूख /स्वाद /गंध की कमी
इसके अलावा अन्य लक्षण भी हो सकते हैं लेकिन प्रारंभिक तौर पर लक्षण ही दृष्टिगत होते हैं।
इन लक्षणों के के आधार पर हमें तुरंत सरकारी चिकित्सालय में चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए तथा चिकित्सक के निर्देशानुसार ही कार्य करना चाहिए ताकि स्वयं को भी बचाया जा सके और दूसरों को संक्रमित होने से भी बचाया जा सके।
यह अनिवार्य नहीं है कि सबके ही कोरोना हो लेकिन सामान्य बुखार सर्दी जुखाम होने पर भी हमें कोरोना का संदेह होता है इसलिए चिकित्सक से परामर्श लेना ही आवश्यक है अपने हिसाब से कोई भी दवा नहीं लें।
कोरोना के फैलने को निम्न तरीकों से कम किया जा सकता है
* सबसे पहले तो घर में ही रहे यह मान कर चलो कि आपके लिए लॉकडाउन लगा हुआ है
* यदि घर के बाहर जाना ही पड़े तो मास्क का प्रयोग अवश्य करें
* भीड़-भाड़ से सर्वथा बचे
* घर से बाहर जाएं तो दूसरों से 2 गज की दूरी रखें
* जिन चीजों पर आप सोते या बैठते हैं उन्हें नियमित रूप से सैनिटाइज करें
* संतुलित भोजन के माध्यम से पोषण बनाए रखें तरल पदार्थों का अधिकाधिक सेवन करें ताकि जल की पूर्ति होती रहे ताजे फलों का रस हर्बल पेय हल्दी वाले दूध से अपनी इम्यूनिटी याने शरीर प्रतिरक्षा को मजबूत करें
* संक्रमित व्यक्ति से सदैव दूरी बनाए रखें
* 5 वर्ष से कम एवं 60 वर्ष से अधिक के व्यक्तियों को एवं डायबिटीज रक्तचाप कैंसर एवं पुरानी बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति घर में ही रहे इनको विशेष सावधानी की आवश्यकता है
* रोज घर पर ही योग प्राणायाम हल्के व्यायाम करें
लगातार बुखार आ रहा हो, गले में खराश हो, खांसी आती हो, कमजोरी महसूस होती हो, सांस लेने में दिक्कत हो, तो ऐसे लक्षण उत्पन्न होते ही नजदीकी चिकित्सालय में जाकर चिकित्सक को अपनी वस्तु स्थिति बताएं।
यह सब ध्यान रखते हुए कोरोना से बचाव एवं अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए यह उपाय करें।
* सर्वप्रथम तो 18 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति सब वैक्सीन लगवाएं
* आयुष क्वाथ
तुलसी पत्र सूखे 40 ग्राम
दालचीनी 20 ग्राम
सोंठ 20 ग्राम मुलेठी 20 ग्राम काली मिर्च 10 ग्राम इलायची 10 ग्राम
इनका चूर्ण बनाकर250 ग्राम
पानी में एक चम्मच चूर्ण डालकर उबालें 50 ग्राम शेष रहने पर छानकर पी लें ऐसा सुबह शाम करें
* संशमनी वटी( गिलोय घनवटी)
दो-दो गोली सुबह-शाम गर्म पानी से ले
* अश्वगंधा चूर्ण बराबर मिश्री मिलाकर
3-3 ग्राम सुबह-शाम दूध या गुनगुने पानी से लें डायबिटीज वाले व्यक्तियों को मि श्री
नहीं मिलानी है
* च्यवनप्राश एक-एक चम्मच सुबह शाम दूध या गुनगुने पानी से
* गर्म पानी का अधिक से अधिक सेवन करें
* गर्म पानी में हल्दी नमक डालकर दिन में तीन बार गरारे करें
* रात को दूध में आधा चम्मच हल्दी चूर्ण डालकर उबालकर गरम गरम पीना है
* 24 घंटे में लगभग 4 बार 15 से 20 मिनट तक उल्टा लेटे ताकि ऑक्सीजन लेवल बना रहे
* विटामिन सी के स्रोत जैसे आंवला, संतरा, मौसमी आदि का अधिक से अधिक सेवन करें क्योंकि विटामिन सी एंटीऑक्सीडेंट होने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है
* योग प्राणायाम हल्का व्यायाम सुबह-शाम करें तथा विशेष रूप से फेफड़ों से संबंधित अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, कपालभाति, ओंकार
का उच्चारण आदि करें
डॉ प्रदीप शर्मा
वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी कम ब्लाक आयुर्वेद अधिकारी
राजकीय आयुर्वेद औषधालय गणेश्वर जिला सीकर राजस्थान