राजस्थान के सबसे बड़े covid अस्पताल आर यू एच एस का इंसानियत को शर्मसार करने वाला काला सच*

 *राजस्थान के सबसे बड़े covid अस्पताल आर यू एच एस का इंसानियत को शर्मसार करने वाला काला सच*






राजस्थान के सबसे बड़े covid अस्पताल आर यू एच एस के लिए जहां एक और यही कहा जा रहा है कि यहां बेड उपलब्ध नहीं है वही दूसरी ओर आज अचानक हमारे संवाददाता के औचक निरीक्षण में पाया गया कि एक तरफ बरामदे में कई मरीज ऑक्सीजन सिलेंडर के सहारे फर्श पर पड़े रहने को मजबूर हैं वहां के नर्सिंग स्टाफ से इस बारे में पूछने पर वही पुराना जवाब मिला की पूरे अस्पताल में बेड उपलब्ध नहीं है लेकिन यहां पूछने पर की इन वार्डों के इंचार्ज कहां हैं तो कोई भी जिम्मेदार वहां मौजूद नहीं मिला सिवाय नर्सिंग स्टाफ के वही नर्सिंग स्टाफ को साथ लेकर इसी बरामदे के बगल में अन्य एक बरामदे में जहां बेड लगे हुए थे जहां उचित मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर लगे हुए थे इमरजेंसी के लिए अलग से सिलेंडर की व्यवस्था थी इसी बरामदे में कई सारे बेड खाली मिले जिन पर अन्य कोई मरीज नहीं थे ना ही आने वाले थे करीब 2 घंटे इंतजार करने के बाद भी इन बेड़ों पर कोई अन्य मरीज नहीं आया इन बेड़ों पर वही मरीज आ रहे थे जिनकी यहां के वार्ड बॉय और स्टाफ से बात हो चुकी है या यहां के हायर अथॉरिटी के कहने पर ही उपलब्ध की बेड उपलब्ध करवाए जा रहे थे आर यू एच एस अस्पताल के अधीक्षक यहां के डॉक्टर अजीत सिंह से इस बारे में हमारे संवाददाता से फोन पर बात करके उन्हें मौके पर आने को कहा गया उनकी तरफ से कुछ देर में मौके पर आना बताया गया लेकिन करीब एक घंटा गुजरने के बावजूद ना तो वे आए और ना ही अन्य कोई जिम्मेदार व्यक्ति आकर इन मरीजों की सुध ली जबकि यहां की हेल्प डेस्क, नर्सिंग सुपरवाइजर नर्सिंग स्टाफ व डॉ अजीत सिंह से पूरी बात कही गई पूरी बात बताई गई लेकिन कुछ समय में मौके पर आकर नर्सिंग स्टाफ की लापरवाही को सही करवाने की कहकर डॉ अजीत सिंह ने भी फोन उठाना बंद कर दिया वही इस वाकए को देखकर एक मरीज के रिश्तेदार ने हम से संपर्क किया और बताया कि 4 अप्रैल से उनका रिश्तेदार इसी फर्श पर पड़े रहने को मजबूर है ना इन्हें दवाई मिल रही है और ना ही इनकी देखरेख हो रही है जबकि इनके कहे अनुसार इनसे बेड के बदले एक वार्ड बॉय ने ₹3000 मांगे जोकि यह देने में असमर्थ है जबकि इन्हीं अपने रिश्तेदार को लगने वाले एक इंजेक्शन इनके अनुसार ₹450 कीमत के सुबह शाम 2 इंजेक्शन लगते हैं जिन्हें यह खुद अस्पताल के बाहर से खरीद कर लाते हैं और स्टाफ को देकर अपने रिश्तेदार को लगवाते हैं हमारे संवाददाता बी एल बैरवा ने काफी देर सुविधाओं का सही से व्यवस्थित होने या उचित जवाब का इंतजार किया करीब डेढ़ 2 घंटे इंतजार करने के बावजूद किसी भी जिम्मेदार व्यक्ति ने अपनी जिम्मेदारी समझने और संवाददाता वह मरीजों की सुनने की कोशिश नहीं की यह हाल उस अस्पताल का है जिसे हम राजस्थान के सबसे बड़े कोविड अस्पताल आर यू एच एस के नाम से जानते हैं सरकार से निवेदन है सरकार व जिम्मेदार व्यक्तियों से निवेदन है की सारे फर्ज कागजों में ही नहीं कुछ धरातल पर भी निभाए अपनी जिम्मेदारी समझे मानवता का फर्ज निभाएं और दूरदराज से आए हुए इन मरीज वह इनके रिश्तेदारों की परेशानी को समझें

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