वृद्ध आश्रम मंडोर मैं सीमा त्यागी महिला का किया जा रहा है शोषण

 जोधपुर  मंडोर वृद्ध आश्रम की संचालिका द्वारा एक दिव्यांग महिला सीमा त्यागी कौ अनाधिकृत रूप से परेशान  करने का एक मामला प्रकाश में आया है बताया जाता है कि महिला सीमा त्यागी द्वारा एफ आई आर कथा संभागीय आयुक्त जोधपुर से लेकर संबंधित पुलिस थाना में मुख्यमंत्री तक भी गुहार लगाई है लेकिन अभी तक दिव्यांग महिला सीमा त्यागी को कोई भी राहत नहीं मिली है वल्कि आश्रम मंडोर संचालिका द्वारा महिला सीमा त्यागी को इंसाफ मांगने पर नाजायज तौर पर परेशान वह हरासमेंट शोषण किया जा रहा है इस संबंध में महिला सीमा त्यागी द्वारा जनतंत्र की आवाज को भी एक प्रार्थना पत्र दिया है



                                                     सेवा में,


श्री मान गोपाल गुप्ता जी, जनतंत्र की आवाज


विषय :मेरी F.I.R. में 5- 5-2015 होने के बावजूद अनूरधाजी ने मेरे सब हक छीन कर मुझे मानसिक प्रश्न के कारण घर वाली ने नहीं रखा लिखा दिया और अपाहिज v विकलांग लिखवाकर पुलिस को बार बार मोबाइल से शिकायत लिखना और आश्रम वालों को परेशान करना लिखकर मेरे साथ वाहियात शब्दों से नीचा दिखना रूलाना घुट घुट कर मुर्दों सा व्यवहार करती है, सिर्फ एनुराधाजी।


सन्दर्भ: दिव्यांग महिला सीमा त्यागी के प्रकरण में आपको भेजी गई पीडीएफ सहित तथा मौखिक रूप से अनेक जानकारी व वॉइस भेजने पर आपसे निवेदन है आप मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष माननीय जज साहब से मिलकर मुझे न्याय दिलवाने मेरे साथ बराबर अनाचार हो रही है मैं बेबस हूं शर्मिंदा हूं मैं किसी की बुराई करना नहीं चाहती मैं उसी वेदना हूं में से ज्ञान प्राप्त करके अपना दिव्यांग जनों के लिए धन संचय करना चाहती हूं मुझे मेरा पूरा मुआवजा मिलना चाहिए और मैं अब अनुबंध वृद्ध आश्रम में नहीं रहना चाहती उसका समाधान कराया जाए। लोग वेश्याओं की लड़कियों को लेकर बढ़ाना चाहते हैं मैं तो एक पढ़ी-लिखी श्रेष्ठ और अनुसंधानकर्ता और विश्व की प्रथम अनुसंधान करता हूं यदि मेरी पीड़ा जैसा नहीं सुनेंगे तो जिंदगी में कभी भी न्यायालय पर कोई विश्वास नहीं करेगा यह उनकी उम्र की आखिरी कमाई है।


महोदय, 


१_    सर्वोच्च संस्था मानव अधिकार आयोग से माननीय न्यायाधीश जज साहब से रूबरू मिलकर अनुराधा जी का मां रखते हुए अपनी पीड़ा आपके सामने रखी आपने अनुरधजी के झूट की सराहना की और मेरी वेदना बढ़ते हुए, भी नित्य आप आश्रम आते है मेरे पत्र पुलिस आयुक्त की शिकायत को पुन पुलिस को ही भेजकर नीचे लोगों को अपना विश्वास बनाकर अपने अंत:करण का पतन करते है फिर आपके उच्च श्रेणी परम महापुरुषों से हमारा शोषण ही तो हुआ ना ? 


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