प्रारंभ हुआ 31 फीट के गोबर के हनुमान जी का निर्माण कार्य

 *मुख्य अतिथि आदरणीय गजेंद्र जी भाई साहब अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री भारतीय किसान संघ ने कहा कि गाय के गोबर से बनने वाली महालक्ष्मी की प्रतिमा और यह मंदिर गोरक्षा का श्रेष्ठ केंद्र बनेगा और सुनकर आनंदित हुए गोभक्तों ने गोबर की ईंटों पर लिखा श्री राम , रखा मस्तक पर और प्रारंभ हुआ 31 फीट के गोबर के हनुमान जी का निर्माण कार्य



  हुआ प्रारंभ*


आसलपुर संवाददाता गौरव पारीक


संकल्प सिद्धा गोमय महालक्ष्मी, श्री आसलपुर धाम में कल दिनांक 2 सितंबर 2021 को मध्यान्ह से लेकर सांयकल तक गो भक्तों द्वारा गर्भगृह के उत्तरी द्वार पर गौ माता के पवित्र गोबर से श्री संकट मोचन हनुमान जी महाराज की मूर्ति निर्माण का शुभारंभ किया गया। इस शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री  गजेंद्र सिंह रहे जिन्होंने  गुढ़ा बैरसल गढ़ में स्थित कुलदेवी के समक्ष पंडित  मनमोहन शर्मा के विधिवत मंत्रोंच्चारण से गोबर से निर्मित ईंट को सिर पर धारण किया, वहां से यात्रा प्रारंभ करें गोबर की महालक्ष्मी के  आसलपुर धाम पहुंचे और इसकी स्थापना के साथ  सैकड़ों गोभक्तों ने अपने मस्तक पर रखी गोमय ईंटों को गर्भ गृह की नींव में स्थापित किया।

 इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने कहा की मां लक्ष्मी के इस विशाल मंदिर की कल्पना आनंद दायक है तथा इसके मूल में गोरक्षा निहित है ।

वर्तमान में गाय के दूध के नाम पर होल्सटीन और जर्सी का जो दूध जैसा दिखने वाला सफेद द्रव्य हम पी रहे हैं वह हानिकारक है और हमारी दूध के साथ साथ मल नहीं देकर गोबर देने वाली हमारी गौ माता ही हमारे लिए उपयोगी है ।

इसके प्रमाण को यह मंदिर प्रत्यक्ष करेगा जिसमें गोबर और गोमूत्र की उपयोगिता इतनी महत्वपूर्ण है केवल भारतीय गोवंश के गोबर से ही भगवान की मूर्ति गोबर के दीपक अथवा anti-radiation रक्षा सूत्र का उत्पादन संभव जो इस अकल्पनीय प्रकल्प हो प्रारंभ करने वाले पंडित विष्णु दत्त शर्मा द्वारा प्रत्यक्ष करके  प्रस्तुत किया है। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता पंडित  सुरेश दाधीच आसलपुर ने की वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में  कैलाश शर्मा , शंभू धाकड़ ,मीरा अग्रवाल आदि ने अपने विचार व्यक्त किये।

पंडित श्री सुरेश दाधीच ने कहा कि गाय की सेवा मनुष्य को अपनी एवं अपने परिवार की रक्षा के लिए अवश्य करनी चाहिए क्योंकि भारतीय ज्योतिष शास्त्र दांपत्य एवं भौतिक सुख-सुविधाओं का एकमात्र आधार गौ सेवा में मानते हैं। इस अवसर पर रेनवाल गौशाला के अध्यक्ष कैलाश शर्मा द्वारा  गोपाल गौशाला रेनवाल द्वारा गोत्पाद निर्माण के बारे में बताया वहीं श्री रुद्रगढ़ बालाजी चित्तौड़गढ़ मैं बरसों बरस से यज्ञ कर रहे गो भक्तों द्वारा अपने यज्ञ का परिचय कराया।

कार्यक्रम के प्रेरक पंडित  विष्णु दत्त शर्मा ने बताया कि मध्यकाल में बाबा तुलसीदास जी महाराज ने वाराणसी में गाय के गोबर से मूर्ति का निर्माण कर श्रीहनुमानजी  महाराज की स्थापना की गई थी तथा उन्हें श्रीहनुमान अष्टक की रचना कर सुनाया था। वर्तमान में गाय के मुख्य उत्पाद गोबर और गोमूत्र प्रचलन से बाहर होते जा रहे हैं जिनकी पुनर्स्थापना आवश्यक है और इसीलिए प्रकल्प विशेष रूप से प्रारंभ किया गया है।

इस अति विलक्षण गाय के गोबर से निर्मित श्री विग्रहों से युक्त मंदिर में माता महालक्ष्मी की  100 फीट से अधिक ऊंचाई की विशाल प्रतिमा स्थापित होगी वहीं महालक्ष्मी के दक्षिण भाग में भूतभावन भैरव की तथा पूर्वी द्वार पर श्री गोबरिया गणेश एवं पिप्पलाद ऋषि की इक्कतीस फीट की मूर्तियां द्वार पर शीघ्र विराजमान होकर हमें आनंद प्रदान करेगी।

उन्होंने यह भी बताया कि

महालक्ष्मी के कुबेर द्वार की इस महान 31 फीट की मूर्ति का निर्माण का लक्ष्य अंग्रेजी तारीख 23 नवंबर 2021 तक रखा गया है।

पूजा कर्म पंडित मनमोहन शर्मा आसलपुर द्वारा संपन्न किया गया ।

आप सब भी इस अद्भुत कार्यक्रम का आनंद लीजिए और सहभागी बनकर आनंद दीजिए

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