पशुओं में खुरपका मुँहपका रोग के कारण, लक्षण, उपचार व रोकथाम पर हुआ प्रशिक्षण
सुरेशसैनी
झुंझुनूं, 8 सितंबर। पशु विज्ञान केन्द्र सिरियासर कलां के द्वारा पशुओं में खुरपका मुँहपका रोग के कारण, लक्षण, उपचार व रोकथाम पर प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया जिसमें 25 पशुपालकों ने भाग लिया। केन्द्र के प्रभारी अधिकारी डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया कि खुरपका मुँहपका एक वायरल संक्रामक रोग है जो किसी इलाके में तेजी से फैलता है ओर बहुत सारे पशुओं को अपनी चपेट में ले सकता है, जिसका समय पर उपचार नही किया गया तो बहुत से पशुओं की मृत्यु हो जाती है व पशुपालकों को बहुत आर्थिक हानि उठानी पड़ती है। उन्होंने पशुओं में वर्ष में दो बार मार्च-अप्रेल व सितम्बर-अक्टूबर में टीकाकरण करवाने पर जोर दिया। केंद्र के डॉ सुखवीर सिंह ने खुरपका मुँहपका के कारण, लक्षण व रोग के फैलाव के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि पशु में तेज बुखार, मुँह, खुर व थनों पर छाले पड़ जाते हैं तथा इस रोग का फैलाव लार द्वारा, संक्रमित म्यूकस द्वारा, जल द्वारा तथा वायु द्वारा होता है। केंद्र के डॉ. विपिन चन्द्र ने रोग के उपचार व रोकथाम में बारे में जानकारी देते हुए बतया की संक्रमित पशुओं को अन्य पशुओं से अलग रखने व स्वस्थ पशुओं टीकाकरण करवाने की सलाह दी तथा उपचार में संक्रमित घावों को लाल दवा से धोने व द्वितीयक जीवाणु संक्रमण को रोकने के लिए एंटीबायोटिक उपयोग में लेने के बारे में बताते हुए प्रशिक्षण में भाग लेने वाले सभी पशुपालकों का धन्यवाद ज्ञापित किया।