नंदकिशोर चौधरी को वर्ष 2021 का चूरू गौरव सम्मान

 नंदकिशोर चौधरी को वर्ष 2021 का चूरू गौरव सम्मान



उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाली अंचल में जन्मीं हस्तियों को प्रयास संस्थान द्वारा प्रतिवर्ष दिया जाएगा यह सम्मान

प्रथम सम्मान हेतु उद्योग-जगत की नामी हस्ती चौधरी का किया गया है चयन

सुरेशसैनी

चूरू। 21 अक्टूबर। साहित्य एवं संस्कृति के क्षेत्र में सक्रिय स्थानीय प्रयास संस्थान द्वारा अंचल में जन्मीं और अपने परिश्रम एवं दूरदर्शिता से विविध क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाली हस्तियों को प्रति वर्ष ‘चूरू गौरव सम्मान’ प्रदान किया जाएगा।

प्रयास संस्थान के अध्यक्ष दुलाराम सहारण ने बताया कि संस्थान के विविधमुखी उपक्रमों की कड़ी विस्तार में इस वर्ष से यह सम्मान शृंखला प्रारंभ की जा रही है, जिसके माध्यम से संस्थान से साहित्यकार, कलाकारों से आगे की प्रतिभाएं एवं हस्तियों भी सम्मानित हो सकें और अपने-अपने क्षेत्र में संघर्ष करने वाले लोग उन उल्लेखनीय हस्तियों से प्रेरित होकर आगे बढ़ने के सपने संजो सकें।

संस्थान सचिव कमल शर्मा ने बताया कि वर्ष 2021 का प्रथम ‘चूरू गौरव सम्मान’ चूरू में जन्में और पूरी दुनिया में अपने प्रबंधकीय कौशल के लिए प्रशंसित तथा सामाजिक सरोकार से जुड़कर चालीस हजार से अधिक बुनकरों की जिंदगी में रौशनी सौंपने वाले ‘कालीन उद्योग के गांधी’ नाम से लोकप्रिय ‘जयपुर रग्स’ के संस्थापक नंदकिशोर चौधरी को प्रदान किया जाएगा। उन्हें यह सम्मान नवम्बर में चूरू में आयोजित एक गरिमामय समारोह में प्रदान किया जाएगा। इसके साथ ही इस अवसर पर प्रयास संस्थान के कार्यक्रम ‘मुलाकात’ में साहित्यकार उम्मेद गोठवाल द्वारा उनसे संवाद भी किया जाएगा।


चूरू में जन्मे और दुनिया में व्यापारिक साम्राज्य स्थापित करने वाली उल्लेखनीय हस्ती हैं चौधरी:

प्रयास संस्थान के सचिव कमल शर्मा ने बताया कि चूरू में पिता भानीराम चौधरी एवं मां सरस्वती देवी के यहां 13 जून 1953 को जन्मे तथा बागला स्कूल एवं लोहिया कॉलेज में पढ़े नंदकिशोर चौधरी ने वर्ष 1978 में पांच हजार रुपये, दो करघे तथा नौ बुनकरों के माध्यम से कालीन उद्योग में चूरू से ही प्रवेश किया और आज ‘जयपुर रग्स’ के माध्यम से 60 से अधिक देशों में कालीन निर्यात के व्यापार को गति देते हुए भारत के पांच राज्यों के 600 दूरदराज के गांवों में 40000 से अधिक बुनकरों को स्थाई आजीविका प्रदान कर रहे हैं। उल्लेखनीय यह भी है कि इनमें अस्सी फीसदी से अधिक कारीगर महिलाएं हैं।  

महिला सशक्तिकरण और बुनकरों को घर बैठै रोजगार की मुहिम तथा परिवार जैसा प्रेम सौंपते आत्मीय वातावरण में बुनकर-सखी जैसे नवाचारों के कारण प्रबंधन गुरु सीके प्रहलाद, प्रो. जगदीश सेठ द्वारा प्रशंसित, भारतीय बुनकर को सशक्त बनाने के उद्देश्य से भारतीय हाथ से बुने हुए गलीचा उद्योग के लिए समर्पित, आधुनिक सामाजिक उद्यमों के प्रवर्तक के रूप में ख्यात नंदकिशोर चौधरी को इससे पूर्व इमर्जिंग इंडिया अवार्ड, नैस्कॉम सोशल इनोवेशन ऑनर्स, इंडियामार्ट लीडर्स ऑफ टूमारो अवार्ड, टाइम्स ऑफ इंडिया सामाजिक प्रभाव पुरस्कार, कार्पेट डिजायन अवार्ड, कर्मवीर पुरस्कार, इनोवेशन फोरम अवार्ड सहित कई पुरस्कार मिल चुके हैं। हाल ही  में आप विश्व के ख्यातनाम ‘फिफ्टीन थिंकर्स अवार्ड’ हेतु शॉर्टलिस्टेड भी हुए हैं। कई संस्थानो, विश्वविद्यालयों में आपके दर्शन की समग्रता, समावेश और समाज के लिए लाभकारी समाधान के संदर्भ के रूप में व्यापक चर्चा की जा रही है।

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