गौ सेवा संवर्धन संस्था प्लेटलेट्स देकर बचा रही है डेंगू रोगियों के प्राण - कमल कान्त शर्मा

 गौ सेवा संवर्धन संस्था प्लेटलेट्स देकर बचा रही है डेंगू रोगियों के प्राण - कमल कान्त शर्मा


झुंझुनू।(सुरेशसैनी) कोरोनावायरस महामारी के बाद अब डेंगू व मलेरिया देश भर में अपने पांव पसार चुकी है जिसमें लगातार लोगों के प्राण संकट में पड़ रहे हैं । ऐसे में झुंझुनू की गौ सवर्धन संस्था के अध्यक्ष प्रवीण स्वामी व उनकी टीम द्वारा जिस मरीज को आवश्यकता होती है उनको ब्लड व प्लेटलेट्स उपलब्ध करवाने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं । डेंगू रोग फैलने के बाद से अब तक लगभग 35 मरीजों के प्राण यह संस्था बचा चुकी है। आज गुरुवार को अपेक्स स्काईलाइन अस्पताल में एडमिट डेंगू मरीज नितेश शर्मा व केडिया हॉस्पिटल में एडमिट अक्षित राणासरिया हेतु मेट्रो सिटी ब्लड बैंक जहां प्लेटलेटस निकालने की मशीन है के संचालक डॉक्टर जगदीप अहलावत के सहयोग से प्लेटलेट्स निकाल कर मरीजों को उपलब्ध करवाया गया व उनके प्राण बचाए। इस मौके पर भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष एवं जिला प्रवक्ता कमल कांत शर्मा ने कहा कि गौ संवर्धन संस्थान एक पुनीत कार्य कर रही है, जो गौ सेवा के साथ-साथ मानव सेवा धर्म में भी अपनी महती भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गौ संवर्धन सेवा समिति डेंगू व मलेरिया मरीजों के लिए एक ईश्वरीय वरदान साबित हो रहे हैं । कमल कांत शर्मा ने संस्थान के अध्यक्ष प्रवीण स्वामी सहित उनकी टीम को बधाई दी व साथ ही भारतीय जनता पार्टी के प्रत्येक कार्यकर्ता से अपील की है कि वे इस पुनीत कार्य में गौ संवर्धन संस्थान के साथ जुड़कर डेंगू व मलेरिया के मरीजों के प्राण बचाने में अपना सहयोग देवें । संस्थान के सदस्य कपिल सैनी, बृजेंद्र स्वामी व मुकेश स्वामी ने प्लेटलेट देकर पुनीत कार्य किया है । इस मौके पर नरेश पुरोहित , रामशरण स्वामी , वेद प्रकाश वर्मा , देवेंद्र मोहन छक्कड़, राकेश सैनी, कपिल हिसारिया, कुंदन सैनी, कपिल सैनी , राकेश सैनी, धीरज हिसारिया , नीरज पुरोहित, राकेश टेकरीवाल सहित गौ संवर्धन संस्थान के सदस्य उपस्थित रहे । गौ संवर्धन संस्थान के अध्यक्ष प्रवीण स्वामी ने बताया कि जिले भर में सिर्फ तीन नंबर रोड स्थित मेट्रो ब्लड बैंक में ही प्लेटलेट्स निकालने की आधुनिक मशीन उपलब्ध है तथा ब्लड रखरखाव में लगने वाली शुल्क अन्य ब्लड बैंक की तुलना में ₹300 कम लिए जाते हैं जो कि समाज सेवा का अनुकरणीय उदाहरण है।

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