अंग्रेजी हुकूमत में भी ऐसा नहीं हुआ था किसानों का अत्याचार उत्पीड़न : अयुब खान





लखीमपूर खीरी घटना - किसानों की हत्या के खिलाफ झारखंड राज्य किसान सभा और माकपा ने धरना प्रदर्शन किया


मोदी - योगी सरकार का पुतला जलाया


अंग्रेजी हुकूमत में भी ऐसा नहीं हुआ था किसानों का अत्याचार उत्पीड़न : अयुब खान



चंदवा।  युपी के लखीमपूर खीरी में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा कृषि कानूनों का विरोध कर रहे  किसानों को केन्द्रीय राज्यमंत्री के बेटे द्वारा दो वाहनों से कुचलकर हत्या किए जाने पर किसानों मे भारी रोष है, माकपा और झारखंड राज्य किसान सभा से जुड़े किसानों ने कामता पंचायत सचिवालय परिसर में झारखंड राज्य किसान सभा के जिलाध्यक्ष अयुब खान और माकपा जिला सचिव सुरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन किया गया, केन्द्र की भाजपा सरकार और युपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पुतला जलाया, सभा की, प्रदर्शन मे किसानों ने किसानों की हत्यारा योगी सरकार होश में आओ, किसानों की हत्या करना बंद करो, कृषि बिल वापस लो आदि नारे लगा रहे थे,

इसके पूर्व घटना में मृत किसानों के प्रति एक मिनट का मौन धारण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी, परिजनों के प्रति शोक प्रकट किया गया, सभा की अध्यक्षता रसीद मियां कर रहे थे, सभा में शामिल किसानों को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष अयुब खान ने कहा कि केंद्र की भाजपा नेतृत्व वाली नरेंद्र मोदी सरकार अंग्रेजी शासन से भी ज्यादा अत्याचारी है, ऐसा दमन अंग्रेजी हुकूमत में भी नहीं हुई थी, जबसे मोदी सरकार सत्ता में आई है तबसे अन्नदाता किसानों और आम जनों का उत्पीड़न किया जा रहा, आज लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है, किसान अपने हक अधिकार और खेती किसानी बचाने के लिए संघर्ष कर रहे तब उन्हें गाड़ी से कुचलकर हत्या किया जा रहा है, यह घटना किसानों को हतोत्साहित करने किसान आंदोलन को कुचलने और किसानों पर फर्जी मुकदमे करने का भाजपा सरकार का सोची समझी साजिश है, यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है इसकी निंदा करने का शब्द नहीं है,

जिला सचिव सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि मोदी योगी सरकार पुलिसिया तंत्र और गुंडागर्दी के सहारे राज्य करना चाहती है, जिस अन्नदाता किसानों का अन्न सरकार खा रही है उसी किसानों को हिटलरशाही और तानाशाही रास्ते से खत्म करना चाह रही, सभा में

किसानों ने केंद्रीय राज्यमंत्री के बेटे पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने, राज्यमंत्री अजय मिश्रा को पद से बर्खास्त करने, मृतक के परिजनों को पांच - पांच करोड़ मुआवजा देने तथा परिवार के एक एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने, कृषि कानून वापस लेने की मांग की गई,

धरना प्रदर्शन में ललन राम, पूर्व पंचायत समिति सदस्य फहमीदा बीवी, ग्राम प्रधान पचु गंझु, शाहबान खान, मोफील खान, जहांगीर खान, रियाजुल खान, बड़का खान, युगेश्वर महली, नसीम खान, सरयु महली, राकेश महली, मनोज महली, बालेश्वर महली, राजेंद्र महली, इरफान खान, साहीर खान, लालो देवी, बस़ती देवी, रीना देवी, सिमली देवी, तेतरी देवी, सुकरी देवी, बसंती देवी, राजमुनी देवी, बसन्ती देवी, प्रमीला देवी, मीना देवी, लालो देवी, तेतरी देवी, सिमली देवी, सहूरन बीवी, सरीता देवी, बतुलन बीवी सहित बड़ी संख्या किसान शामिल थे।

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