शिक्षा नीति-2020 के दक्ष प्रशिक्षको का किया सम्मान*

 *शिक्षा नीति-2020 के दक्ष प्रशिक्षको का किया सम्मान*





कुशलगढ़ 

विद्या भारती संस्थान, बांसवाडा द्वारा आयोजित तीन दिवसीय *राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020* विषय पर चल रही कार्यशाला का आज समापन हुआ। इस समापन सत्र मे मुख्य अतिथि के रूप मे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक श्री विकासराज जी भाईसाहब और आज के तृतीय सत्र मे विद्या भारती संस्थान जिला सचिव श्री ललित जी दवे ने 360 डिग्री मूल्यांकन पर व्याख्यान प्रस्तुत किया।

माता सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन और प्रार्थना के साथ सत्र का का प्रारम्भ हुआ। मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन मे बताया कि यह शिक्षा नीति भारतीय शिक्षा का प्राचीन रूप है जिसमे अध्यात्म, नैतिकता और व्यवसायिकता का मिश्रण है। इसके लागु होने से भारत मे एक एसे नवीन भविष्य का निर्माण होगा जिसे रोजगार के लिए कही भटकने की आवश्यकता नही पडेगी। प्रथम सत्र मे पालोदा विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री सुरेश जी त्रिवेदी ने सूचना प्रौद्योगिकी विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया जिसमे उन्होंने बताया कि 21वी सदी का युग एक तकनीकी क्रांति है जिसमे विजय हेतु भारत को अपने आपको अपडेट करना होगा जो इस शिक्षा नीति से सम्भव है। इसके पश्चात बडोदिया विद्यालय संस्था प्रधान श्री गोपाल जी राव ने सीखने के प्रतिफल विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत कर के आसान भाषा मे किस प्रकार से बालको को शिक्षा और का प्रसार किया जाए। सत्र के अत मे जिला सचिव ललित दवे ने 360 डिग्री मूल्यांकन पर व्याख्यान प्रस्तुत किया साथ ही तीन दिवसीय वर्ग मे लिये गये सभी 12 भिन्न-भिन्न विषयो को एक बार पुनः सभी प्रशिक्षुओ के बीच सारगर्भित रूप से रखा। 

इससे पूर्व प्रथम दिवस पर उद्घाटन सत्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षक की भूमिका,भारतीय दर्शन, बहुविकल्पीय प्रश्न निर्माण,अभिनव पंचपदी शिक्षण पध्दति, आनंददायी शिक्षण, अनुभजन्य शिक्षण,21 वीं सदी के कौशल,कौशल विकास, अर्न्त-बहिर्मुख अधिगम एवं परम्परागगत खेल.. आदि विषयों पर प्रदीप शर्मा,आनन्द जोशी,पूनम सोलंकी,नीता भावसार,कैलाश राव, गोविंदसिंह राव गोपाल राव एवं मानेंग पटेल ने व्याख्यान प्रस्तुत किये।

कार्यक्रम के अंत मे शिक्षा नीति की इस 3 दिन की कार्यशाला मे विभिन्न विषयो पर व्याख्यान प्रस्तुत करने वाले जिले के दक्ष प्रशिक्षको को सम्मानित किया। विश्व शांति के संकल्प के साथ कल्याण मंत्र और भोजन के बाद कार्यक्रम का समापन हुआ।

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