कायमखानी समाज के जांबाज देश की सीमाओं की रक्षा करने में हमेशा आगे रहे हैं : उमरदीन खान

 कायमखानी समाज के जांबाज देश की सीमाओं की रक्षा करने में हमेशा आगे रहे हैं : उमरदीन खान 


झुंझुनूं.(सुरेश सैनी) कायमखानियों ने देश की रक्षा और प्रशासनिक सेवाओं के साथ ही समाज के हर क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करते हुए अपनी खास पहचान बनाई है। इस कौम के जांबाज देश की सीमाओं की सुरक्षा करते हुए शहादत देने में कभी पीछे नहीं रहे। झुंझुनूं जिले का महत्व इस बात से आौर बढ़ जाता है कि यहां के जाबासर और धनूरी जैसे गांव बड़ी संख्या में शहादत देने वाले कायमखानियों की वीरता कहानियां सुनाने में सबसे आगे हैं। बहुत जल्दी ही धनूरी में शहीदों की याद में स्मारक बनाया जाएगा, जिसे वार मेमोरियल का नाम दिया गया है। इसके लिए प्रशासन की ओर से जमीन दी जा चुकी है तथा स्मारक के लिए और राशि जुटाने के प्रयास किए जा रहे हैं। धनूरी ऐसा गांव है जिसके 17 लोगों ने देश की रक्षा के लिए शहादत दी है। यह बात जिला कलेक्टर उमरदीन खान ने शनिवार को अंबेडकर भवन में कायमखानी समाज के शहीदों पर आधारित पत्रकार निखिल व्यास की ओर से लिखित पुस्तक ‘कायमखानी शहीद और परिवार, एक मुलाकात पुस्तक के विमोचन समारोह में बोल रहे थे। समारोह में जिले के 25 कायमखानी शहीदों के परिजनों को शा्ॅल ओढ़ा कर तथा पुस्तक की प्रति भेंट कर सम्मानित भी किया गया।

समारोह में विशिष्ट अतिथि ब्रिगेडियर शाकिब हुसैन ने कहा कि कायमखानियों का समृद्ध इतिहास रहा है, समाज के जांबाज देश की रक्षा में अपने प्राणों को न्यौछावर करने में कभी पीछे नहीं रहे। ऐसी कौम के रीति रिवाज, संस्कृति के साथ ही शहादत के बारे में इस तरह की पुस्तक से भावी पीढ़ी को मदद मिलेगी। पुलिस उप अधीक्षक इंसार खान ने इस तरह के आयोजनों की महत्ता को रेखांकित किया। राजस्थान कायमखानी महासभा के संयोजक कर्नल शौकत खान ने अतिथियों का परिचय देते हुए कायमखानी कौम के इतिहास का जिक्र किया। पुस्तक के लेखक निखिल व्यास ने बताया कि कायमखानी कौम के प्रदेश भर में 270 से ज्यादा शहीद हैं, जिनके बारे में शृंखलाबद्ध तरीके इस तरह की पुस्तकें तैयार की जाएंगी। समारोह में इस्कॉम इंफ्रा के प्रबंध निदेशक इस्फाक खान, कायमखानी महासभा के जिला अध्यक्ष उम्मेद खान गिडानिया, जिला अल्पसंख्यक अधिकारी अनीश खान, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कमांडर परवेज खान, पुलिस उप अधीक्षक अमीर हसन खान, हाजी गुलाम मोहम्मद खान, शिक्षाविद शबनम खान, कैप्टन टीपू खान, सूबेदार कैलाश सूरा, कैप्टन अमरचंद खेदड़, पूर्व सभापति खालिद हुसैन, अली हसन खान, कैप्टन लियाकत खान किडवाना, कर्नल नबील खान, धोद प्रधान बतौर अतिथि शामिल हुए। अतिथियों को शॉल ओढ़ाकर और साफा पहना कर स्वागत किया गया। समारोह में कायमखानी समाज के प्रमुख लोगों में अजीज खान जाबासर, सूबेदार मेजर सुल्तान खान, कैप्टन अली हसन खान, कैप्टन इलियास खान, सूबेदार जाफर खान, सुबेदार शौकत खान, धनूरी के परवेज फौजी, कमरूदीन दरगाह के इरशाद खान, मुराद खान गिडानिया सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।

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