*पंचकोशी यात्रा के अंतर्गत शुक्रवार को श्री महर्षि दुर्वासा आश्रम पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महंत सहित कई अखाड़ा परिषद के महंत ने कि पूजा अर्चना*

 *पंचकोशी यात्रा के अंतर्गत शुक्रवार को श्री महर्षि दुर्वासा आश्रम पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महंत सहित कई अखाड़ा परिषद के महंत ने कि पूजा अर्चना*


सुभाष तिवारी लखनऊ


प्रयागराज

संगम नगरी प्रयाग राज से पूर्व दिशा में कुछ ही दूर पर स्थित श्री महर्षि दुर्वासा आश्रम बहुत ही प्राचीन है और ऐसा पूर्वजों ने कहा है की संगम नगरी में आए हुए सभी श्रद्धालु कल्पवास के उपरांत जब तक श्री महर्षि दुर्वासा आश्रम पर आकर पूजन अर्चना नहीं करते हैं तब तक उनकी कल्पवास अधूरी मानी जाती है इसी क्रम में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी अमरीश गिरी नीलू के अगुवाई में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महंत हरि गिरि जी महाराज सचिव प्रेम गिरी जी महाराज दूधेश्वर मंदिर के महंत नारायण गिरी जी महाराज जूना अखाड़े के सभापति सचिव एवं जूना अखाड़े के समस्त साधु संत के साथ-साथ किन्नर अखाड़ा के देवी माता किरन गिरी महारानी जी के साथ साथ किन्नर अखाड़ा के समस्त साधु संत व अखाड़ा परिषद के सभी महंत श्री महर्षि दुर्वासा आश्रम पर उपस्थित होकर सर्वप्रथम पूजा अर्चना की उसके उपरांत श्री महर्षि दुर्वासा आश्रम  के दक्षिण दिशा में बना प्राचीन यज्ञशाला व धर्मशाला का निरीक्षण कर बहुत ही दिव्य व भव्य  कहते हुए मंदिर का सभी साधु संतों ने गुणगान किया और वहां पर उपस्थित प्राचीन सूर्य घड़ी जिसको देखने के लिए बहुत ही दूर दूर से लोग आते हैं और आज भी वह घड़ी सूर्य के प्रकाश से सही समय को दर्शाती है उस सूर्य घड़ी को देखकर सभी साधु संतों ने बहुत ही गुणगान करते हुए कहा कि हमें बहुत ही प्रशंसा हो रही है कि आज भी हमें ऐसे कुछ ही जगहों पर पुराने जमाने की उपस्थित धर्मशालाएं सूर्य घड़ी यज्ञशाला देखने को मिलता हूं और जब मैं यह पुराने जमाने की यज्ञशाला धर्मशाला देखता हूं तो मुझे बहुत ही प्रशंसा होती है



*अखाड़ा परिषद के महंतों का ग्राम प्रधान सहित ग्रामीणों ने किया भव्य स्वागत*


प्रयागराज के दुबावल गांव स्थित श्री महर्षि दुर्वासा आश्रम पर जब सोशल मीडिया द्वारा यह समाचार ग्रामीणों में फैली की पंचकोशी यात्रा के अंतर्गत आज प्रयागराज ही नहीं बल्कि अलग-अलग अखाड़ा परिषद के सभी महंत श्री महर्षि दुर्वासा आश्रम पर आ रहे हैं तो वहां पर पहले से ही गांव के प्रधान सहित संभ्रांत व्यक्ति उपस्थित होकर उनके स्वागत के लिए पूरी व्यवस्था व तैयारी कर लिए और जैसे ही श्री महर्षि दुर्वासा आश्रम पर कड़ी सुरक्षा के साथ सभी अखाड़ों के महंतों का आगमन हुआ तो ग्रामीणों द्वारा जयकारों से पूरा परिसर गूंज उठा और ग्रामीणों ने माल्यार्पण कर महंतों का स्वागत किया और उसके तत्पश्चात सभी महंत श्री महर्षि दुर्वासा आश्रम पर पूजा अर्चना किए उसके तत्पश्चात भोजन व प्रसाद ग्रहण करके पंचकोशी यात्रा को आगे की तरफ बढ़ाया गया

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