जयपुर- राज्य सूचना आयोग ने सूचना उपलब्ध कराने में ढिलाई बरतने पर तीन अलग अलग मामलों में तीन अधिकारियों पर पांच पांच हजार रूपये का जुर्माना

 जयपुर- राज्य सूचना आयोग ने सूचना उपलब्ध कराने में ढिलाई बरतने पर तीन अलग अलग मामलों में तीन  अधिकारियों पर पांच पांच हजार रूपये का जुर्माना लगाया है


। इनमे दो अफसर चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग से है जबकि एक विकास अधिकारी  है। आयोग ने निर्देश दिया है कि जुर्माने की यह राशि उनके वेतन से वसूल की जाये। साथ ही आदेश की प्रति इन् अधिकारियों के विभाग को भेजने की भी हिदायत दी है। 



      आयोग के सम्मुख चित्तौड़गढ़ के नरेश ने अपील दाखिल कर शिकायत की कि जिले के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी ने उनके सूचना आवेदन पर कोई कार्यवाही नहीं की और लम्बे समय तक अर्जी को अनदेखा किया।इस पर आयोग ने अधिकारी से इस देरी का सबब पूछा और स्पष्टीकरण माँगा। मगर अधिकारी ने चार बार तलब करने के बाद भी न तो कोई जवाब दिया न ही खुद हाजिर हुए। इस मामले की सुनवाई के दौरान सूचना आयुक्त नारायण बारेठ ने अधिकारी के इस रुख पर नाराजगी जाहिर की और पांच हजार रूपये की शास्ति आरोपित करने का आदेश दिया। 
          इस मामले में आवेदक नरेश ने चिकित्सा और  स्वास्थ्य विभाग से  खाद्य सुरक्षा अधिकारी के दुकान  -फैक्ट्रियो के निरीक्षण  के बारे में जानकारी मांगी थी। लेकिन विभाग ने इस पर कोई ध्यान  नहीं दिया। अब आयोग ने विभाग को निर्देश दिया है कि एक पखवाड़े में आवेदक को वांछित सूचना मुहैया करवाए।आयोग ने अपने इस आदेश की जानकारी विभाग को देने का भी निर्देश दिया है। 

    आयोग ने कोटा जिले में देवली मांझी सामुदायिक  चिकित्सा केंद्र के चिकित्सा अधिकारी पर पांच हजार रूपये का जुर्माना लगाया है। कोटा के  एक नागरिक आशित ने चिकित्सा अधिकारी से उस क्षेत्र में प्रैक्टिस कर रहे निजी चिकित्सकों के बारे में सूचना मांगी थी। आयोग ने अधिकारी को कई बार अपना पक्ष रखने का मौका दिया पर  अधिकारी ने इसकी उपेक्षा की। इस पर सूचना आयुक्त बारेठ ने  अधिकारी पर पांच हजार रूपये की शास्ति आरोपित करते हुए आयोग के आदेश की प्रति उनके विभाग को भेजने का निर्देश दिया है। 

        आयोग ने श्रीगंगानगर जिले में रायसिंहनगर के विकास अधिकारी पर पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। वहां खारा गांव के इमीचन्द ने विकास अधिकारी से शुभ शक्ति योजना का विवरण माँगा था और लाभार्थियों की सूची मुहैया कराने का आग्रह किया था। मगर  विकास अधिकारी ने सुनवाई नहीं की तो इमीचन्द ने आयोग से मदद मांगी। आयोग ने अब विकास अधिकारी पर जुर्माना लगाते हुए पंद्रह दिन में सूचना उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
                 
इस मामले में  सुनवाई करते हुए सूचना आयुक्त बारेठ ने कहा कि यह गंभीर बात अधिकारी लम्बे समय तक सूचना आवेदन को लिए बैठे रहे और आवेदक को सूचना हासिल करने के लिए आयोग तक आना  पड़ा है। आयोग ने अपने आदेश की प्रति विभाग को भेजने का निर्देश दिया है।

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