नॉन टीएसपी शिक्षकों ने टीएसपी से बाहर करने की मांग को लेकर विधायिका को दिया ज्ञापन

 * *नॉन टीएसपी शिक्षकों ने टीएसपी से बाहर  करने की मांग को लेकर विधायिका को दिया ज्ञापन


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*ललित गोलेछा की टिपोर्ट*

*कुशलगढ़। 6 फरवरी  जनजाति उपयोजना क्षेत्र में कार्यरत तृतीय एवं द्वितीय श्रेणी शिक्षकों को टीएसपी से बाहर करने की मांग को लेकर कुशलगढ़ विधायक  रमिला खड़िया को ज्ञापन सौंपा*

।  जनजाति उपयोजना क्षेत्र में लंबे समय से गैर जनजाति क्षेत्र (नॉन टीएसपी) के शिक्षक कार्यरत हैं जिससे जनजाति बेरोजगारों के साथ अन्याय हो रहा है । नॉन टीएसपी शिक्षकों का समायोजन जल्द से जल्द नॉन टीएसपी क्षेत्र में किया जाए जिससे टीएसपी क्षेत्र के बेरोजगारों को उन पदों का लाभ मिल सके। वर्तमान में संपूर्ण टीएसपी क्षेत्र सिरोही आंशिक उदयपुर आंशिक राजसमंद आंशिक चित्तौड़गढ़ आंशिक एवं प्रतापगढ़ डूंगरपुर बांसवाड़ा संपूर्ण जिलों में लगभग 2200 टीएसपी शिक्षक कार्यरत हैं अगर इन शिक्षकों का समायोजन नॉन टीएसपी क्षेत्र में किया जाता है तो होने वाली रीट भर्ती में टीएसपी क्षेत्र के बेरोजगारों को दो हजार से ज्यादा पदों का लाभ मिलेगा।जसवंत डेलु ने बताया की शिक्षा निदेशालय बीकानेर से मार्च में नॉन टीएसपी शिक्षकों की काउंसलिंग को लेकर आदेश जारी हुए थे जिसके पश्चात सभी जिला शिक्षा अधिकारियों ने नॉन टीएसपी शिक्षकों की सूची बनाकर निदेशालय भेज दी लेकिन उसके बाद निदेशालय से अभी तक काउंसलिंग के लिए कोई दिशा निर्देश जारी नहीं हुए हैं।  ज्ञापन देने वालों में प्रबोधक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष श्री रविंद्र शास्त्री, जयपाल जी,वीरेंद्र जी,मोहन जी, श्याम सुंदर, जितेन्द्र जी एवं अन्य साथी उपस्थित रहे।



* *विधानसभा सत्र में रखें पक्ष** 

नॉन टीएसपी शिक्षकों की काउंसलिग के लिए फ़ाइल अप्रूवल के लिए सीएमओ में पँहुच गयी है। कुशलगढ़ विधायक से आग्रह किया की विधानसभा में हमारा पक्ष रखें और मुख्यमंत्री से अपील कर के  इन नॉन टीएसपी शिक्षकों को जल्द से जल्द टीएसपी से बाहर किया जाए जिससे जनजाति क्षेत्र के स्थानीय बेरोजगारों को लाभ मिले।


*रीट में मिलेगा 2 हजार पदों का लाभ*

जिन शिक्षकों ने नॉन टीएसपी का विकल्प पत्र प्रस्तुत किया है उनका पदस्थापन टीएसपी से बाहर किया जाना है, पूरे जनजाति क्षेत्र में सिरोही आंशिक, राजसमंद आंशिक, उदयपुर आंशिक, चित्तौड़गढ़ आंशिक एवं डूंगरपुर बांसवाड़ा प्रतापगढ़ संपूर्ण टीएसपी जिले हैं इनमें लगभग 2200 नॉन टीएसपी शिक्षक कार्यरत हैं, टीएसपी क्षेत्र की अधीनस्थ भर्तियों के सभी पद टीएसपी क्षेत्र के मूल निवासियों के लिए है, बेरोजगार चाहते हैं कि नॉन टीएसपी शिक्षकों का पदस्थापन अगर रीट परीक्षा से पूर्व टीएसपी से बाहर किया जाता है तो रिक्त पदों को रीट में जोड़ा जाएगा जिससे जनजाति क्षेत्र के अभ्यर्थियों को रीट में लाभ होगा।



*उपचुनाव में नॉन टीएसपी शिक्षकों का यह मुद्दा हावी रहा था तथा अलग-अलग जनसभाओं में सत्ता पक्ष के स्थानीय नेताओं द्वारा समायोजन की बात आलाकमान के समक्ष रखी गई थी पर आज दिनांक तक कोई हल नहीं दिखाई दे रहा है।*



"स्थानीय बेरोजगार लंबे समय से नॉन टीएसपी शिक्षकों को टीएसपी से बाहर भेजने की मांग कर रहे है, निदेशालय से आदेश जारी होने के बाद फ़ाइल मुख्यमंत्री के पास पहुंच गई है,  टीएसपी क्षेत्र के अन्य विधायकों को विधानसभा सत्र में  मुख्यमंत्री से इस मामले के लिए अपील करनी चाहिए"

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