पीटर बलदेव ने खुद को बचाने के लिए चला दाव । जारी किया चिट्ठी।

 पीटर बलदेव ने खुद को बचाने के लिए चला दाव । जारी किया चिट्ठी। 




खुद को बिशप बताते फिर रहे हैं पीटर बलदेव ।



 रजिस्ट्रार के फ़ैसले को बताया ग़लत। 



मोरीस दान के द्वारा रजिस्टर कराई गयी सॉसायटी के काग़ज़ दिखा कर माँग रहे हैं भीख । 

सुभाष तिवारी ए

प्रयागराज। 

डायसीस ऑफ़ लखनऊ सीएनआई में विवाद में अब हंस्यप्रद घटनाएँ होने लगी हैं । नौबत यह आ चुकी है कि बिशप पीटर बलदेव को खुद को कलीसिया के सामने बिशप बताना पड़ रहा है । अब शायद समय आ गया है कि बिशप पीटर बलदेव को अपने सलाहकार को यह समझा देना चाहिए कि बिशप और चेयरमैन में फ़र्क़ क्या होता है । पीटर बलदेव इतने उत्साह में आ कर कलीसिया को पत्र जारी कर रहे हैं कि इससे लगता है कि उनको खुद यक़ीन नहीं है कि वह बिशप है  पीटर बलदेव को अब अपने सलाहकार को यह समझाना ज़रूरी है कि बिशप एक संस्कार होता है जो पादरियों के कामों को देख कर दिया सीएनआई द्वारा दिया जाता है  तो कोई कहा कह रहा है कि बिशप पीटर बलदेव बिशप नहीं है , उनको तनख़्वाह भी बिशप की ही मिलेगी । और जो सोसायटी रेजिस्ट्रेशन पीटर बलदेव दिखा रहे हैं वह सोसायटी तो खुद बिशप मोरिस एड्गर दान के द्वारा रेजिस्टर कराई गयी है जिस पर कल आदेश भी आ चुका है । और अब हास्यप्रद बात यह कि बिशप पीटर बलदेव खुद लिख रहे हैं कि बिशप मोरिस दान का सीएनआई से कोई लेना देना नहीं है। शायद अब बिशप पीटर बलदेव खुद को मॉडरेटर भी समझने लगे हैं  क्योंकि मॉडरेटर का अस्तित्व तो खुद अधर में लटका है । बहरहाल बुद्धिजीवी तो अब तक समझ ही चुके होंगे कि हर तरफ़ से जुगत लगाने में जुट गए है पीटर बलदेव और उनके सलाहकार।

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