पीटर बलदेव हुए चारों खाने चित्त। ग़ैर क़ानूनी आदेश देने पर होगी कार्यवाही।

 पीटर बलदेव हुए चारों खाने चित्त। ग़ैर क़ानूनी आदेश देने पर होगी कार्यवाही। 



सोसायटी में नहीं पंजीकृत है नाम फिर भी दिखा रहे हैं गुंडागर्दी। 


 कलीसिया ने बिशप दान को माना बिशप। प्रिन्सिपल भी बिशप दान का आदेश मानेंगे । 

सुभाष तिवारी लखनऊ

प्रयागराज। 

सूत्रों के द्वारा एक बड़ी खबर आ रही है कि पीटर बलदेव संस्था से जुड़े शिक्षण संस्थाओं और चर्चेज़ को अपने लेटर से बता रहे हैं कि चिटफंड 

सोसायटी रजिस्ट्रार का फ़ैसला ग़लत है ।

 बिशप पीटर बलदेव की इस हरकत से डायसीस ऑफ़ लखनऊ के कर्मचारियों पर सब से बड़ा असर पड़ सकता है । क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि वह सहायक रजिस्ट्रार के इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती देंगे । लेकिन वहीं जानकारो का कहना है कि उच्च न्यायालय ने पूर्व में ही रजिस्ट्रार चिटफंड सॉसायटी को ही मामले को देखने का आदेश दे दिया था। जानकारो का साफ़ कहना है कि पहले से ही वेतन की मार झेल रहे कर्मचारियों को ही इनके आपस की लड़ाई में नुक़सान उठाना पड़ेगा । आज़मगढ़ के एक पादरी  ने बयान जारी कर बोला है कि पीटर बलदेव संस्था की ज़मीन हड़पने की फ़िराक़ में हैं । जिस कारण अब वह गुंडा गर्दी पर उतर आय हैं । वहीं खबर यह भी है कि संस्था के प्रिन्सिपल ने साफ़ तौर पर बोल दिया है कि अब वह क़ानून विरोधी काम नहीं करेंगे, पहले पीटर बलदेव अपने आप को चेयरमैन साबित करें तभी उनके किसी भी आदेश का पालन किया जाएगा । फ़िलहाल सोसायटी का पंजीकरण बिशप मोरिस एड्गर दान के नाम पर है और उन्ही को चेयरमैन माना गया है। सरकारी काग़ज़ों में भी अब चेयरमैन बिशप दान का नाम ही लिखना उचित होगा । प्रिन्सिपल ने साफ़ तौर पर बयान दिया है कि पीटर बलदेव अपना विवाद CNI सिनड या न्यायालय जा कर सुलझाय।

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