*कुशलगढ़ *गुणानुवाद, जीवदया व तप-आराधना के साथ मनाई आचार्य श्री की पुण्यतिथि*
*ललित गोलेछा की रिपोर्ट*
28. मार्च को
श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रीसंघ कुशलगढ़ में आचार्य भगवंत पूज्य गुरुदेव श्री उमेशमुनि जी म.सा. के महाप्रयाण की 10वी पुण्यतिथि गुणानुवाद, जीवदया व तप-आराधना के साथ व भव्य एकासन का आयोजन किया गया।
गुणानुवाद सभा में
वर्धमान स्थानकवासी जैन संघ के *अध्यक्ष रजनीकांत खाबरिया*
ने कहां की जीव दया ही जैन धर्म का मूल सिद्धांत जैन धर्म के सिद्धांतों को अपने आचरण में अपनाना आवश्यक है उन्होंने कहा कि जीव दया परोपकार का एक माध्यम है जिसके द्वारा मनुष्य अपने इस लोक को ही नहीं बल्कि परलोक को भी सुधार सकता है
*प्रचार मंत्री विशाल गादिया* ने
कहां की अपने भीतर दया करने के भाव कभी खत्म मत होने देना क्योंकि यही वह गुण है जो हमें इंसान कहलवाता है
सभा में प्रशांत नाहटा ने कि उमेश मित्र मंडल अध्यक्ष अमित लुनावत, दीपिका बहन खाबिया, प्रवीण कावड़िया, गौतम खाबिया, यश आदि ने गुरु का गुणानुवाद किया गया
तथा पाठशाला के बच्चो द्वारा विशेष स्तवन प्रस्तुत किया गया। गुणानुवाद सभा के बाद उमेश मित्र मंडल के तत्वाधान में भव्य एकासन का आयोजन किया गया, जिसमे 115 से अधिक तपस्वियों द्वारा एकासन किए गए
गादिया नेबताया की
प्रातः 7:30 बजे प्रार्थना नवकार महामंत्र के जाप कराए गए तत्पश्चात उमेश मित्र मंडल के सानिध्य में जीव दया हेतु कबूतर के लिए मक्का छुड़ाई गई
व गुप्त लाभार्थियों द्वारा लक्की ड्रा भी करवाया गया।
संचालन प्रशांत नाहटा ने किया