सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के लाडले राजस्थान संवाद के खून पसीने की कमाई से मौज उड़ाने वाले भ्रष्ट अधिकारी कि अब खैर नहीं!

 *सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के लाडले राजस्थान संवाद के खून पसीने की कमाई से मौज उड़ाने वाले भ्रष्ट अधिकारी कि अब खैर नहीं!*








 15वीं राजस्थान विधानसभा के 7वें सत्र में विधानसभा सदस्य नरपत सिंह राजवी एवं 6ठे सत्र में कालीचरण सराफ ने विधानसभा के प्रश्न काल में कुछ ऐसे प्रश्न वर्तमान सरकार पूछ लिए है जिससे सूचना जनसंपर्क विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों तथा राजस्थान संवाद की कमाई से मौज उड़ाने वाले भ्रष्ट अधिकारियों की रातों की नींद छिन गई है।सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के ईमानदार अधिकारी ने दो तीन अधिकारियों की मिलीभगत करके माननीय मुख्यमंत्री के नाम पंजीकृत राजस्थान संवाद को सूचना के अधिकार से बाहर करने के लिए नोटशीट चलाई । राजस्थान संवाद संस्था राज्य सरकार का उपक्रम है जिसे सूचना जनसंपर्क विभाग के निदेशक ने पंजीकृत कराया था निदेशक पद के साथ-साथ राजस्थान संवाद के प्रबंध निदेशक भी होते हैं सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक । *विभाग के प्रमुख शासन सचिव ने उनके मंसूबों पर पानी फेरा इनसे पूछा कि मान्य मुख्यमंत्री से अनुमति ली क्या इसके ऑथराइज्ड पर्सन कौन है मंत्रिमंडल में फाइल रखी क्या? आखिर राजस्थान संवाद को सूचना के अधिकार से बाहर क्यों करना चाहते हो। तो इन ईमानदार अधिकारियों ने प्रमुख शासन सचिव को नोट सीट से आउट कर दिया*। और सूचना के अधिकार से बाहर करने के लिए नोटशीट चला दी। जिस नोट सीट पर विभाग के आईएएस यानी सरकार काबिज ना हो ऐसी नोटशीट मान्य नहीं होती है। लेकिन इन ईमानदार अधिकारियों के विरुद्ध कुछ समय बाद 5 एफ आई आर एसीबी में दर्ज हुई ।आखिर यह अधिकारी राजस्थान संवाद को सूचना के अधिकार से बाहर करने पर क्यों तुले हैं? कहीं इन्होंने लाखों रुपए का राजस्थान संवाद में गबन तो नहीं कर दिया?

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