अब्बास अंसारी जीत के बाद पिता मुख्‍तार अंसारी का आशीर्वाद लेने जाएंगे बांदा जेल

 अब्बास अंसारी जीत के बाद पिता मुख्‍तार अंसारी का आशीर्वाद लेने जाएंगे बांदा जेल 


सुभाष तिवारी लखनऊ

लखनऊ।उत्तर प्रदेश 2022 के विधानसभा चुनाव में मऊ सदर से चुनावी मैदान में बेटे के लिए मुख्तार अंसारी बांदा जेल से ही चुनाव जीतने की रणनीति बना रहे थे।मुख्तार अंसारी मिलने जाने वालों से बातचीत कर चुनावी गोट की चाल कुछ इस तरह चली कि बड़े बेटे अब्‍बास अंसारी ने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी अशोक सिंंह और बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्‍यक्ष भीम राजभर तक को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की छड़ी से बहुत अंतर से पटक दिया।अब अब्‍बास अपने पिता मुख्‍तार का आशीर्वाद लेने के लिए बांदा जेल जाएंगे।

 


उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल की हाई प्रोफाइल म‌‌ऊ सदर विधानसभा से पांच बार मुख्तार अंसारी विधायक रहे हैं। अब्बास अंसारी अपनी शानदार जीत के बाद पिता मुख्तार अंसारी से आशीर्वाद लेने के लिए बांदा जेल जल्द जाएंगे और खुशी बांटेंगे।अभी जेल में मिलने के लिए रोक लगी है और रोक हटते ही अब्बास सीधे बांदा जेल जाएंगे। न‌ए नवेले विधायक ने कहा कि जनता के आशीर्वाद से सुखद अनूभति हो रही है। 


आपको बता दें कि युसूफपुर मुहम्मदाबाद जनपद गाजीपुर से आए मुख्तार अंसारी ने अपनी राजनीति शुरू की। इसके बाद 1996 में बहुजन समाज पार्टी से टिकट मिला और पहली बार विधायक बने। 2002- 2007 में निर्दलीय और 2012 में अपनी पार्टी कौमी एकता दल के बैनर पर जीत दर्ज की। 2017 में एक बार फिर बहुजन समाज पार्टी से चुनाव लड़े और विधानसभा पहुंचे। 2005 में हुए मऊ दंगे के बाद से ही मुख्तार अंसारी लगातार जेल में बंद हैं।


2022 विधानसभा चुनाव में एक बार फिर मुख्तार अंसारी के सुभासपा-सपा गठबंधन से चुनावी मैदान में उतरने की उम्मीद थी,लेकिन आखिरी समय में मुख्तार अंसारी ने अपने बड़े बेटे अब्बास अंसारी को चुनावी मैदान में उतार दिया। इधर भाजपा ने अशोक सिंह पर दांव चला और चुनावी मैदान उतारा था,लेकिन अब्बास अंसारी ने शानदार जीत दर्ज की।अब्बास अंसारी को 1,24,691 वोट मिले।भाजपा प्रत्याशी अशोक सिंह को 86,575 वोट मिले।अब्बास अंसारी ने अशोक सिंह को 38116 वोटों से हराया।


विधायक बनने के बाद अब अब्बास अंसारी की एक इच्छा है कि वो अपने पिता से कितनी जल्दी मिल लें। अब्बास ने बताया कि अभी जेल में मिलने पर रोक लगी है। इसकी वजह से वह तिथि निर्धारित नहीं कर पा रहे हैं। जैसे ही जेल की रोक हटेगी वह सीधे पिताजी का आशीर्वाद लेने बांदा जेल जाएंगे।

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