कुशलगढ़ गुरु बिना ना आत्म दर्शन होता है ना परमात्मा दर्शन पियूष चंद्र विजय जी महाराज*

 *कुशलगढ़  गुरु बिना ना आत्म दर्शन होता है ना परमात्मा दर्शन पियूष चंद्र विजय जी महाराज*





*ललित गोलेछा की रिपोर्ट*



गुरुवार को अंदेश्वर से विहार कर *कुशलगढ़ नगर में मंगल प्रवेश आचार्य श्री ऋषभ चंद्र श्री जी महाराज साहब के वरिष्ठ पियूष चंद्र विजय जी महाराज जिन चंद्र विजय जी का मंगल प्रवेश हुआ* जहां जैन समाज के अलावा अन्य समाज ने भी का महाराज श्री का स्वागत किया

ढोल धमाके के साथ महाराज श्री का मंगल प्रवेश हुआ समाज जनों ने गवली बनाकर स्वागत किया नगर के प्रमुख मार्गो से होता हुआ मंगल प्रवेश यात्रा केसरिया नाथ मंदिर पहुंची जहां जयंत आराधना भवन में *पियूष चंद्र विजय महाराज* ने उपस्थित श्रावक श्राविका को प्रवचन देते हुए कहा कि *गुरु के बिना आत्म दर्शन होता है ना परमात्मा दर्शन होता है*

उन्होंने कहा कि इन्हीं की प्रेरणा से आत्मा चैतन्यमय बनती है गुरु भवसागर पार पाने मैं नावीक का दायित्व निभाते हैं गुरु की सीख जीवन का उद्देश्य बनती है

गुरु ही शिष्य का मार्गदर्शन करते हैं और वही जीवन को ऊर्जा मय बनाते हैं

हमारी संस्कृति में सदियों से गुरु का महत्व रहा है 

हमारीयहां की माटी एवं जन जीवन में गुरु को ईश्वर तुल्य माना है क्योंकि गुरु ना हो तो ईश्वर तक पहुंचने का मार्ग कौन दिखाएगा गुरु ही शिष्य का मार्गदर्शन करते हैं और जीवन ऊर्जा में मयबनाते हैं

*इस अवसर पर मूर्तिपूजक संघ के अध्यक्ष कमलेश कावड़िया उपाध्यक्ष रमेशचंद्र गादिया परिषद के अध्यक्ष अशोक श्री श्री माल ट्रस्टी जयंतीलाल चंडालिया मुकेश लुणावत पारसमल मेहता मुकेश चंद्र नाहटा राजेंद्र चोपड़ा चंद्रकांत मेहता पवन गादिया राजेंद्र बस्सी वाला *मनीष लुणावत अजय मेहता प्रकाश चंडालिया*

*सुरेश चंद्र गा दिया आनंद नांदेचा* आदि प्रमुख उपस्थित थे


नवकारसी के लाभार्थी का बहूमान किया गया












प्रातः 8:30 बजे मधुकर नवकार रेस्टोरेंट परिसर में नवकारसी के लाभार्थी जयंतीलाल प्रकाश चंद्र चंडालिया पारस सेठिया अभय चोरड़िया

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