कुशलगढ़ जनजाति संस्कृति और सनातन हिंदू संस्कृति अलग नहीं एक है बंसीलाल कटारा*

 *कुशलगढ़  जनजाति संस्कृति और सनातन हिंदू संस्कृति अलग नहीं एक है बंसीलाल कटारा*



*धर्मांतरित वर्ग को अनुसूचित जनजाति की सूची से बाहर किया जाए नारायण लाल निनामा*

*ललित गोलेछा की रिपोर्ट*

जनजातीय सुरक्षा मंच द्वारा जनजाति सम्मेलन दशहरा मैदान पर आयोजित किया गया जहां सम्मेलन मैं उपस्थित हजारों लोगों को संबोधित करते हुए *जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय सदस्य बंसीलाल कटारा*

 ने कहा कि जनजाति संस्कृति और सनातन हिंदू संस्कृति अलग नहीं एक है यह जनजाति समाज को सनातन धर्म संस्कृति से अलग करने की विदेशी के हाथों में कठपुतली बने हुए हैं,लोग षड्यंत्र की तरह जनजाति समाज के बीच अलगाववादी तत्वों के द्वारा दुष्प्रचार किए जाने लगा है कि तुम लोग हिंदू नहीं 

हो इससे जनजाति समाज में एक भ्रम की स्थिति उत्पन्न होने लगी है और अपने अलग धर्म का बताने लगे हैं यह सब जन जाति समाज को आरक्षण से वंचित करने और अल्पसंख्यक बनाने की साजिश की तरह किया जा रहा है हमें इन लोगों से सचेत होना होगा

हमारी धर्म संस्कृति हमारे धर्म पूजा से दूर करने का एक सोची समझी रण नीति है

हाल ही में धर्म का अलग कोड की मांग की जा रही है यह लोग षड्यंत्रकारी हैं विदेशी शक्तियों के साथ समझौता करने वाले लोग हैं जो हमारे जनजाति समाज को भ्रमित कर अपना निजी स्वार्थ सिद्ध करना चाहते हैं यह धर्मांतर लोग हमारे समाज में गंदे बीज बो रहे इन लोगों से सावधान रहना होगा *ईशा और विशा वाले यह लोग भगवानविरसा* के नहीं हो सकते हैं

कटारा ने कहा कि जनजातीय संस्कृति सनातन हिंदू संस्कृति के अलग नहीं है बल्कि एक है हम प्रगति पूजा के साथ राम लक्ष्मण कृष्ण महाराणा प्रताप शिवाजी को मानने वाला इस जनजाति समाज को सनातन धर्म से अलग अलग कर दिया जाए तो वह विशाल महल दह जाएगा इस बात को षड्यंत्रकारी अच्छी तरह से जानते हैं

उन्होंने जनजाति नेता स्वर्गीय कार्तिक उरांव द्वारा चलाए गए आंदोलन की जानकारी देते हुए कहा कि देश की 700 से अधिक जनजातियों के विकास एवं उन्नति के लिए संविधान निर्माताओं ने आरक्षण एवं अन्य सुविधा प्रदान किया था

लेकिन इन सुविधाओं का लाभ उन जनजातियों के स्थान पर वह लोग उठा रहे हैं जो अपनी जाति छोड़कर ईसाई या मुस्लिम बन गए संविधान की मंशा के अनुरूप भारत में वन क्षेत्र में निवास कर रहे धर्मांतिट

 अनुसूचित जनजाति व्यक्तियों को अनुसूचित जनजाति सूची से हटाया जाए उन्होंने कहा कि हमारे जनजातियों को ईसाई मशीनरी सेवा और शिक्षा के माध्यम से षडयंत्र पूर्वक गुमराह कर धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं उन्होंने कहा कि धर्मांत्री ईसाई की जनसंख्या 1968 में 5% थी जनजाति की सरकारी नौकरियां छात्रवृत्ति 60 प्रतिशत से अधिक लाभ इन लोगों ने जनजाति की नौकरियां छात्रवृत्ति मिली है क्योंकि यह मूल जनजाति के साथ अन्याय है

2009 की धर्मांतरण 18% हो गया था यह लोग क जनजातियों के आरक्षण का लाभ हाड़प रहे हैं

*जबकि अनुसूचित धर्म परिवर्तन करने पर एससी का लाभ नहीं मिलता* है वैसे ही एसटी से धर्म परिवर्तन करने पर जनजाति का लाभ से वंचित करने की मांग देश भर में चल रही है

*हमारे जनजाति जो धर्म परिवर्तन करते हैं जनजाति का लाभ नहीं मिले कानून का मसौदा संसद में पारित कराने* की मांग को लेकर देशभर में आंदोलन किया जाएंगे उन्होंने कहा कि एसटी एससी आरक्षण दोनों संविधान ने दिए हैं

*कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नारायण लाल निनामा* ने कहा कि अनुसूचित जाति जनजाति आदेश संशोधन विधेयक 1967 की संयुक्त संसदीय समिति की अनुशंसा में भी धर्मांतरण करने वाले जनजाति के व्यक्तियों को आरक्षण के लिए अपात्र माना गया था

धारा 342 में संशोधित के लिए देशभर में आंदोलन चलाया जाएंगे

उन्होंने कहा कि धर्मांतरण के उपरांत आदिवासी सदस्य इंडियन क्रिश्चियन कहलाते हैं जो कि कानूनन अल्पसंख्यक की श्रेणी में आते हैं इस प्रकार धर्मधारित ईसाई और मुस्लिम दोहरी सुविधा को ले रहे हैं

हमारे जनजाति समाज में अलगाववादी तत्वों द्वारा दुष्प्रचार भी किया जा रहा है कि तुम हिंदू नहीं हो हम प्रकृति पूजक राम लक्ष्मण को की पूजा करने वाले सनातन धर्म के अनुयाई हैं लेकिन षड्यंत्रकारी विदेशी शक्तियों के साथ चलने वाले यह लोग हमारे जनजाति समाज में दीमक की तरह है हमें इनसे बचना होगा और इन धर्म परिवर्तन करने वालों को आरक्षण से बाहर करना होगा

चादर और सलवार वाले यह लोग हमारे धर्म पर कुठाराघात कर हमें धर्म परिवर्तन कराने के के लिए जो षड्यंत्र कर रहे हैं हम उनका पुरजोर विरोध कर आंदोलन के लिए तैयार रहें हमें गांव से लगाकर संसद तक आंदोलन करना पड़ेगा तो हम आंदोलन करेंगे हम सब लोग एक होकर एक ही मांग करेंगे जिन्होंने धर्म परिवर्तन किया है उन्हें अनुसूचित जाति का लाभ नहीं दिया जाए

सम्मेलन में विशेष अतिथि डॉक्टर वजहिग मईडा जनजाति सुरक्षा मंच के जिला संयोजक बहादुर डामोर जिला सहसंयोजक हुकला भाई डॉ पारसिंह राणा विजय सिंह देवदा विस्ताराम वसुनिया कालू सिंह देवदा वेलजी भाई मोर जलु सिंह डामोर कल्लू महाराज महेश भाई रणवीर सिंह अमलियार उदय सिंह अड़ दशरथ डाबी चतर सिंह भगत दुलेश्वर सहित ने अपने विचार व्यक्त

संचालन

डॉक्टर जोहन सिंह देवदा ने किया

दशहरा मैदान पर पहुंचने वालों के ग्रामीण क्षेत्र से भगवा पताका लेकर दुपहिया वाहन रैली भी दशहरा मैदान पहुंची पुरुष के साथ महिलाओं की संख्या भी थी

भीषण गर्मी में वक्ताओं का भाषण जनजाति बंधुओं ने और महिलाओं ने लगभग 3 घंटे तक बैठ कर सुना

11:00 बजे प्रारंभ हुआ कार्यक्रम 2:00 बजे समाप्त हुआ अतिथियों ने मंच पर माल्यार्पण कर शुभारंभ किया

समारोह के पश्चात वाद्य यंत्रों पर भगत और ग्रामीण अपने ग्रामीण परिवेश में नाच गाने भी किया और ग्रामीण भजनों आनंद लिया

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